लखनऊः नगर निगम के पुनरीक्षित बजट 2023-24 के लिए कार्यकारिणी समिति ने अपना खजाना खोल दिया और पार्षदों को उनके क्षेत्र के विकास के लिए रूका हुआ एक करोड़ रूपया जारी कर दिया। इस बैठक में टैक्स बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया गया। साथ ही कई कार्यक्षेत्रों के बजट में कटौती भी की गई। देरशाम तक चली बैठक में कई अहम निर्णय भी लिए गए, हालांकि इनपर पूर्व में चर्चा कराई जा चुकी थी।
सुबह करीब 11 बजकर 10 मिनट पर शुरू हुई बैठक में सभी जोनों के अधिकारियों को बुलाया गया था। इसमें अधिकारियों से आय तथा व्यय से संबंधित सभी मुद्दों पर राय जानी गई। बैठक में सबसे अहम विषय कर था। निगम आने वाले दिनों में कर को एक हजार करोड़ रूपये तक पहुंचाने के लिए तत्पर है। इसका कारण है कि ऊपर से ऐसे निर्देश भी मिले हैं। महापौर सुषमा खर्कवाल ने भी स्पष्ट कर दिया कि लखनऊ नगर निगम को घाटे पर नहीं जाने दिया जाएगा।
बनाई जा रही कैटेगरी
आबादी के एवज में लक्ष्य को पाना ही चाहिए। निगम इस पर विमर्श कर रहा है कि काम करने के तरीकों को बदला जाना चाहिए, लेकिन इसके लिए कर्मचारी कम हैं। वर्कलोड और पुरानी पद्धति के कारण विकासशील योजनाओं को रफ्तार देने में दिक्कत हो रही है। इससे आय में भी फर्क पड़ रहा है। महापौर बैठक छोड़कर आईं और पत्रकारों को बताया कि कई प्रदेशों में काम के तरीके ऑनलाइन हो चुके हैं। यहां आज भी डायरी और रजिस्टर चल रहा है। इसके बाद भी पुनरीक्षित बजट 2023-24 में राजस्व आय चौदह अरब उन्यासी करोड़ उनसठ लाख रूपये प्रस्तावित किये जा रहे हैं। इसके लिए अब कटेगरी बनाई जा रही है, जो कर निर्धारण करेगी। कर्मचारियों की कमी को इंटर्नशिप करने वाले युवकों से भरा जाएगा। इसके लिए विचार किया जा रहा है कि करीब 14 हजार रूपये पारिश्रमिक दिया जाए।
रखे गए कई प्रस्ताव
बजट में पुरानी व्यवस्था को भी बदल दिया गया। इसमें जो कर्मचारी रिटायर होते रहे हैं, अब उनको पेंशन आदि में दिक्कत नहीं होगी। नगर आयुक्त ने बताया कि भविष्य के लिए ऐसी व्यवस्था दे दी गई है। नगर निगम अभी तक मेट्रो की होर्डिंग्स के प्रचार में हिस्सेदारी नहीं करता रहा, लेकिन अब उसमें हिस्सेदारी की मांग करेगा। बता दें कि करीब साढे नौ करोड़ की आय मेट्रो कॉर्पोरेशन को प्रचार से होती है। इसी तरह कल्याण मंडप को लेकर भी महापौर की पत्रकार वार्ता में गरमाहट रही। महापौर को याद दिलाया गया कि स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कल्याण मंडप की नींव गरीबों को ध्यान में रखकर डाली थी, लेकिन इसको अब गेस्टहाउस में बदल दिया गया। यह गरीबों के काम नहीं आ रहा है। इस पर महापौर ने कहा कि आने वाले सत्र में इस पर ध्यान दिया जाएगा। शत्रु संपत्ति को लेकर बैठक में भी अधिकारियों ने अपनी बात रखी। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के लिए 25 लाख और आरआर विभाग को 10 लाख तथा अभियंत्रण विभाग के लिए 265 लाख रूपये का प्रस्ताव रखा गया है। नगर निगम की पार्किंग के लिए 200 लाख का व्यय प्रस्तावित है।
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