लखनऊः बहुजन समाज पार्टी के पूर्व सांसद और माफिया धनंजय सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल से फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। उसने नैनी सेंट्रल जेल के अधिकारियों को पत्र लिखकर यहां उसकी जान को खतरा होने की सूचना दी थी। इस पर उन्हें एक जेल से दूसरे जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
गैंगस्टर अजीत सिंह की हत्या से जुड़े एक मामले में धनंजय सिंह काफी लंबे समय से फरार था। 2017 के मुकदमे की जमानत कर 5 मार्च को उसने प्रयागराज के एमएमएलए कोर्ट में खुद को सरेंडर किया। इस केस के सिलसिले में लखनऊ कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। सूत्रों ने कहा कि धनंजय ने अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा जेल के अंदर उस पर हमले की आशंका जताई थी। उसने जेल अधिकारियों को पत्र लिखकर किसी और जेल में स्थानांतरित किए जाने का अनुरोध किया, जिसे मान लिया गया। नैनी सेंट्रल जेल इस वक्त 68 कुख्यात अपराधियों का ठिकाना है।
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इनमें मुख्तार अंसारी के शार्पशूटर्स और अभय सिंह गिरोह के लोग भी शामिल हैं। ये दोनों ही धनंजय सिंह के प्रतिद्वंद्वी हैं। फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में धनंजय को सुनील राठी की संगति मिलेगी, जिसने बागपत जेल के अंदर मुन्ना बजरंगी की हत्या की थी। इसके अलावा यह वाराणसी के माफिया डॉन सुभाष ठाकुर और दिलीप सिंह का भी ठिकाना है। इन्हें बसपा के पूर्व सासंद का हितैषी माना जाता है। इस बीच लखनऊ पुलिस अजित सिंह की हत्या के सिलसिले में धनंजय से पूछताछ करने के लिए उसे रिमांड पर लेने की कोशिश कर रही है। धनंजय ने कथित तौर पर अजीत सिंह को खत्म करने की साजिश रची थी।