गोवा की तर्ज पर यूपी में भी पर्यटकों को किराए पर मिलेगी टैक्सी

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UP News: देश-विदेश से राजधानी लखनऊ घूमने आने वाले पर्यटकों को आगामी दिनों में किराए पर कार भी उपलब्ध होगी। इस सुविधा से पर्यटकों को आने वाले दिनों में किसी भी पर्यटन स्थल पर पहुंचना और भी आसान होगा।
पर्यटकों के सामने सार्वजनिक परिवहन के साथ अन्य कई विकल्प भी होंगे। पर्यटक अपनी सुविधानुसार कोई भी विकल्प चुन सकेंगे।

मौजूदा सुविधाओं के साथ पर्यटक खुद कार लेकर टहलना चाहते हैं, तो उन्हें किराए पर कार भी उपलब्ध होगी। इस सुविधा को लेकर परिवहन विभाग में फर्म मालिक किराए पर कार उपलब्ध कराने के लिए आवेदन करने लगे हैं। अब परिवहन विभाग इन्हें अनुमति देने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में अब आने वाले दिनों में गोवा की तर्ज पर लखनऊ में भी किराए पर पर्यटकों को कारें उपलब्ध होंगी। परिवहन विभाग की रेंट ए कैब पॉलिसी के तहत आवेदन आने शुरू हो गए हैं। गोवा में जिस प्रकार से टहलने आने वाले सैलानी किराए पर निजी कार लेकर सैर करते हैं, अब उसी प्रकार लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य शहरों में भी किराए पर टैक्सी उपलब्ध होगी।

लखनऊ समेत अन्य शहरों पर रेंट ए कैब का कारोबार शुरू होने वाला है। लखनऊ की राइड ऑन व्हील्स रेंटल सर्विसेस प्रा. लि. की ओर से राज्य परिवहन प्राधिकरण में आवेदन किया गया है कि रेंट ए कैब स्कीम के तहत कैब संचालन के लिए लाइसेंस दिया जाए। राज्य परिवहन प्राधिकरण ने अनुच्छेद पांच के तहत आवेदक की निर्धारित अर्हताओं के सम्बंध में जांच आख्या उपलब्ध कराने के लिए आरटीओ लखनऊ को फर्म की जांच करने का निर्देश दिया है।

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अब आरटीओ की ओर से राइड ऑन व्हील्स रेंटल सर्विसेस प्रा. लि. के आवेदन पत्र पर जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद आख्या राज्य परिवहन प्राधिकरण में प्रस्तुत की जाएगी। राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव सगीर अंसारी के मुताबिक रेंट ए कैब पॉलिसी के तहत अगर कोई आवेदक राज्य परिवहन प्राधिकरण में आवेदन करता है, तो फर्म की जांच कराकर अर्हताएं पूरी करने वाली फर्म को लाइसेंस दिए जाने का प्रावधान है। कुछ फर्म ने रेंट ए कैब पॉलिसी के तहत इसके लिए आवेदन किए हैं। उनकी जांच आख्या प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

50 कार होने पर मिलता है लाइसेंस

परिवहन विभाग के अफसरों की मानें तो किराए पर कार का कारोबार संचालित करने के लिए परिवहन विभाग की ओर से नियम और शर्तें तय की गई हैं। लाइसेंस के लिए आवेदक को रेंट ए कैब पॉलिसी के तहत राज्य परिवहन प्राधिकरण में आवेदन करना होता है। इसकी फीस 5,000 रुपए निर्धारित की गई है। आवेदक को लाइसेंस तभी मिल सकता है, जब उसके पास कम से कम 50 कारें हों और इनमें से अधिकतर कारें वातनुकूलित हों। कम से कम पांच अलग-अलग शहरों में कार्यालय हों, फर्म या व्यक्ति का चरित्र बिल्कुल स्वच्छ हो। उसके पास गाड़ियों की पार्किंग के लिए अपनी जगह हो। किराए पर जगह ले रखी है तो भी पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए। विभाग की सभी अर्हताएं पूरी करने के बाद ही लाइसेंस प्रदान किए जाने का प्रावधान है।

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