ईद-उल-अजहा 21 जुलाई को, मौलाना महली ने की खुले में कुर्बानी न करने की अपील

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लखनऊः ईद-उल-अजहा 21 जुलाई को मनाया जाएगी। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने गुरुवार को इसका ऐलान किया। ईदगाह में अहम बैठक में मौलाना महली सहित ईदगाह कमेटी और जिला प्रशासन ने ईद-उल-अजहा की तैयारियों पर चर्चा की। इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने अपील करते हुए कहा कि कुर्बानी की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर न डालें। सड़क, गली या खुले में कुर्बानी न करें बल्कि मदरसों में कुर्बानी का एहतिमाम करें।

इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बैठक में कहा कि इस वर्ष ईद-उल-अजहा या बकरीद 21 जुलाई को होगी, इस अवसर पर जिला प्रशासन व नगर निगम की जिम्मेदारी है कि पूरे प्रदेश की ईदगाहों और तमाम मस्जिदों के आस-पास उचित सफाई करायें। बिजली व पानी की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाय। उन्होंने कहा कि ईद-उल-अजहा के मुबारक दिनों में शहर का अमन व अमान और सलामती बनाये रखने के लिए उचित व्यवस्था की जाये। कुर्बानी के जानवरों की आने जाने में किसी प्रकार की रूकावट न लगाई जाये। कुर्बानी जो कि 21, 22 और 23 जुलाई को होगी, इन दिनों में भी सफाई के विशेष प्रबन्ध किये जायें।

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बैठक में मौजूद रहे ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर पीयूष मौर्या ने कहा कि हर वर्ष से अच्छा इस वर्ष प्रबन्ध कराया जायेगा लेकिन हम इस सिलसिले में शहरियों से भरपूर सहयोग की अपील करते हैं। कोविड-19 को देखते हुए इस बीमारी को काबू करने का जो सबसे उचित साधन है, वह एहतियाती उपायों पर अमल करना है। उन्होंने कहा कि ईद उल अजहा में भी सरकारी गाइडलाइन पर हम सबको अमल करना है। किसी भी धार्मिक स्थल में एक समय में 50 से अधिक लोग जमा नहीं होंगे। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजर का एहतिमाम करेंगे।