जयपुरः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जयपुर में बुधवार को एमएनआईटी के 16वें दीक्षांत समारोह और आईआईआईटी कोटा के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।
बिरला ने पंडित मदन मोहन मालवीय को श्रद्धांजलि अर्पित की और एक नए भारत तथा सुविज्ञ और सुसंस्कृत युवा पीढ़ी के निर्माण में उनके अमूल्य योगदान का उल्लेख किया। इस अवसर पर बिरला ने प्राचीन भारत में गुरुकुलों की समृद्ध संस्कृति और शिक्षा प्रणाली की बात की और इस बात का उल्लेख भी किया कि एमएनआईटी जैसे संस्थान उस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों में नई सोच को विकसित और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। एमएनआईटी जैसे संस्थानों की शिक्षा-दीक्षा के परिणामस्वरूप भारत के युवा अनुसंधान और नवाचार में सबसे आगे हैं।
बिरला ने कहा कि युवा ही देश के भविष्य की दिशा तय करेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नए भारत में अपार संभावनाएं और अवसर उपलब्ध हैं और यह युवाओं पर निर्भर करता है कि वे अपनी कड़ी मेहनत और नवाचार के माध्यम से व्यक्तिगत विकास के साथ ही राष्ट्र के विकास के लिए इन संभावनाओं का उपयोग कैसे करते हैं। भारत को युवाओं से बहुत उम्मीदें हैं और युवाओं में इन अपेक्षाओं को पूरा करने की क्षमता, ऊर्जा और उत्साह है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार के इस युग में, भारत के युवाओं को आगे बढ़कर नेतृत्व करना चाहिए और तकनीकी नवाचारों, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, स्टार्ट-अप आदि जैसे क्षेत्रों में देश को अग्रणी बनाना चाहिए। युवाओं का हर कदम प्रगति की दिशा में होना चाहिए। बिरला ने छात्रों से यह भी कहा कि वे वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने की प्रधानमंत्री की संकल्पना को पूरा करने को अपना मिशन बना लें। बिरला ने छात्रों को सलाह दी कि वे अपनी संस्कृति और परंपरा से जुड़े रहें और दूसरों की नकल न करें। इस बात पर ज़ोर देते हुए कि छात्र और युवा हमारी संस्कृति और परंपरा के ध्वजवाहक हैं, बिरला ने सुझाव दिया कि उन्हें बड़े सपने देखने चाहिए, कड़ी मेहनत करनी चाहिए और अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से भावी पीढ़ियों को प्रेरित करना चाहिए।
बिरला ने शिक्षा के क्षेत्र में भारत की प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि नए भारत में हर शिक्षण केंद्र नवाचार का केंद्र बन गया है। बिरला ने कहा कि ऐसे समय में, जब पूरी दुनिया विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास की ओर बढ़ रही है, भारत आर्थिक और तकनीकी प्रगति के साथ-साथ अपनी संस्कृति और मूल्यों को भी आगे बढ़ा रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी समाज में सकारात्मक बदलाव लाते हैं और हमारे युवा इस क्षेत्र में सबसे आगे हैं। पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, शिक्षा और कई अन्य क्षेत्रों में हमारे छात्रों द्वारा किए गए शोध और नवाचार ने मानवता को एक नई दिशा दी है और इसीलिए आज भारत के डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और उद्यमी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं।
बिरला ने कहा कि प्रौद्योगिकी और समाज एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। समाज प्रौद्योगिकी का निर्माण करता है और फिर प्रौद्योगिकी समाज की समस्याओं का समाधान करके उसे नई दिशा देती है। इस बात का उल्लेख करते हुए, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में तकनीकी प्लेटफॉर्म लाखों लोगों के जीवन में किस प्रकार के बदलाव ला रहे हैं। बिरला ने छात्रों से आग्रह किया कि वे नियमित रूप से नवाचारों और अनुसंधान की अद्यतन जानकारी प्राप्त करें और लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करें। उन्होंने छात्रों को निडर होकर नई चुनौतियों का सामना करने की सलाह दी, जिससे एक मजबूत भारत की नींव रखी जाएगी। इस संदर्भ में, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रौद्योगिकी की खोज में मानव कल्याण की भावना को नहीं खोना चाहिए।
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