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Odisha Train Accident: खड़गे बोले, विज्ञापन-पीआर और नौटंकी ने सरकार की कार्य प्रणाली को बना दिया खोखला

नई दिल्ली: कांग्रेस ने रविवार को ओडिशा के बालासोर में तिहरे रेल हादसे को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया और उस पर रेल सुरक्षा पर ध्यान देने के बजाय सिर्फ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने का आरोप लगाया। पार्टी ने हादसे के लिए ऊपर से नीचे तक को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस ने कुछ अहम पदों को भरने में विफलता सहित रेलवे की ओर से चूक की कई रिपोर्टों को भी उजागर किया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सिलसिलेवार ट्वीट कर सरकार पर हमले बोला उन्होंन कहा, स्वतंत्र भारत के शायद सबसे दर्दनाक रेल हादसे पर मोदी सरकार से सवाल-विज्ञापन पीआर नौटंकी ने मोदी सरकार के कामकाज को खोखला कर दिया है। सरकार पर निशाना साधते हुए खड़गे ने कई रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा, ‘रेलवे में तीन लाख पद खाली हैं, वरिष्ठ अधिकारियों के पद भी खाली हैं, जिन्हें पीएमओ ने भरा है, उन्हें 9 साल में क्यों नहीं भरा गया? रेलवे बोर्ड ने हाल ही में स्वीकार किया है कि लोको पायलटों के लंबे समय तक काम करने के कारण श्रमशक्ति की भारी कमी दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या का मुख्य वजह है। फिर क्यों नहीं पद भरे गए? 8 फरवरी, 2023 को दक्षिण पश्चिम रेलवे जोन के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेशंस मैनेजर ने मैसूर में एक त्रासदी का हवाला देते हुए सिग्नलिंग सिस्टम को ठीक करने का आग्रह किया और चेतावनी दी, जिसमें दो ट्रेनों की आपस में टक्कर होने से बाल-बाल बची। इसे रेल मंत्रालय ने लागू क्यों नहीं किया?

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खड़गे ने यह भी कहा कि संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 323वीं रिपोर्ट में रेलवे सुरक्षा आयोग की सिफारिशों के प्रति रेलवे बोर्ड द्वारा दिखाई गई उपेक्षा के लिए रेलवे की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सीआरएस केवल 8-10 फीसदी दुर्घटनाओं की जांच करती है, इसे मजबूत क्यों नहीं किया गया? नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, खड़गे ने कहा कि 2017-18 और 2020-21 के बीच नवीनतम CAG ऑडिट रिपोर्ट में, 10 में से लगभग सात रेल दुर्घटनाएँ पटरी से उतरने की वजह से थी। खड़गे ने पूछा, 2017-21 में, ईस्ट कोस्ट रेलवे में सुरक्षा के लिए रेल व वेल्ड (ट्रैक रखरखाव) का शून्य परीक्षण हुआ था। इसे क्यों दरकिनार किया गया? उन्होंने यह भी पूछा कि सीएजी के मुताबिक राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष (आरआरएसके) में 79 फीसदी फंडिंग क्यों की गई, जबकि हर साल 20,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाने थे।

ट्रैक नवीनीकरण कार्यों की मात्रा में भारी गिरावट क्यों आई है? कांग्रेस नेता ने कहा कि 2011 में भारत के अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा विकसित ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली का नाम बदलकर कवच रखा गया था और मार्च 2022 में खुद रेल मंत्री ने इसका प्रदर्शन किया था। फिर भी अब तक सिर्फ 4 फीसदी रूटों पर ही कवच ​​​​क्यों? आप रोज सफेदी वाली ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने में लगे हैं, लेकिन रेलवे सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देते। खड़गे ने कहा, ऊपर से नीचे तक जवाबदेही तय करनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को होने से रोका जा सके. तभी इस हादसे के शिकार लोगों को न्याय मिल पाएगा। उनकी यह टिप्पणी शुक्रवार शाम को ओडिशा के बहनागा रेलवे स्टेशन पर कोरोमंडल एक्सप्रेस, एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक स्थिर मालगाड़ी के बीच भीषण रेल दुर्घटना के दो दिन बाद आई है। दो ट्रेनों के कम से कम 21 डिब्बे पटरी से उतर गए, 275 मारे गए और 1,000 घायल हो गए।

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