मुंबईः डिस्को किंग और म्यूजिक डायरेक्टर बप्पी लहरी का बुधवार को 69 साल की उम्र में निधन हो गया। डॉक्टरों के मुताबिक, बप्पी दा का निधन ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) के चलते हुई है। वह बीते 29 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। हालांकि, सोमवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन अगले ही दिन फिर से तबियत बिगड़ने की वजह से उन्हें वापस अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा था। बप्पी दा का इलाज कर रहे डॉक्टर दीपक नामजोशी ने बताया, उन्हें फेफड़ों की बीमारी रहती थी। वह पिछले एक, सवा साल से ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) से पीड़ित थे। डॉक्टरों के मुताबिक, ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में हममें से ज्यादातर लोग कम ही जानकारी रखते हैं। हालांकि यह एक कॉमन समस्या है। ओएसए नींद से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें सोते समय कई बार सांस रुक जाती है और फिर अपने आप चलनी शुरू हो जाती है। यह स्थिति कुछ सेकेंड्स से लेकर 1 मिनट तक की हो सकती है। इस दौरान गले की मांसपेशियां ढीली पड़ जाती हैं, जिसकी वजह से ऑक्सीजन के बहाव में रुकावट पेश आती है। इसी वजह से सो रहा व्यक्ति तेज-तेज खर्राटे लेने लगता है।
ओएसए के लक्षण
ओएसए से पीड़ित व्यक्ति नींद के दौरान बहुत तेज खर्राटे लेता है। हालांकि, डॉक्टरों का यह भी कहना है कि ऊंची आवाज में खर्राटे लेने की हर समस्या इससे जुड़ी नहीं हो सकती है, लेकिन इस बीमारी से पीड़ित लोगों में खर्राटे की समस्या प्रमुख रूप से देखी गई है। ओएसए से पीड़ित व्यक्ति को सोते समय अचानक सांस रुकना और बेचैनी महसूस हो सकती है। सोते समय अचानक घुटन और हांफने जैसी समस्या हो सकती है, जिससे अचानक नींद खुल सकती है। गले में खराश और अक्सर मुंह सूखने जैसी परेशानी भी ओएसए से पीड़ित लोगों में देखी जा सकती है। ओएसए से पीड़ित लोगों को दिन में भी बार-बार नींद आने की शिकायत रहती है। इसकी वजह ये भी मानी जाती है कि रात में सांसों के अटकने से कई बार उनकी नींद खुलती है और वे सही तरीके से नहीं सो पाते। इसके अलावा ऐसे लोगों में सुबह के वक्त सिर में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, तनाव, मूड स्विंग, अत्यधिक थकान, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण भी देखे गए हैं।
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क्यों होती है ओएसए की समस्या ?
ओएसए की समस्या आम तौर पर मोटापा, सांस नली में सिकुड़न, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से परेशान लोगों में ज्यादा होती है। कुछ मामलों में दमा के पीड़ित लोग भी इसका शिकार हो सकते हैं। इसलिए जब भी ऐसी कोई परेशानी दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।