Sunday, October 6, 2024
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अश्लील गानों और गैर-हिंदुओं की गरबा में न हो एंट्री, डीएम की जा रही ये मांग

रायपुरः शिवसेना शिंदे की रायपुर जिला इकाई ने सोमवार को कलेक्टर गौरव सिंह को ज्ञापन सौंपकर गरबा (Garba) कार्यक्रमों में अश्लील गानों और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है। इस ज्ञापन में विभिन्न मांगों को प्रमुखता से उठाया गया है, ताकि गरबा जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन की गरिमा बनी रहे और इसमें किसी भी तरह की अनैतिक गतिविधियों को जगह न मिल सके।

धार्मिक भावनाएं होती हैं आहत

युवासेना के जिला अध्यक्ष संजय सोनकर ने कहा कि हाल के वर्षों में गरबा कार्यक्रमों में कुछ ऐसी प्रवृत्तियां सामने आई हैं, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। इन कार्यक्रमों में अश्लील गानों का बजाना, असामाजिक तत्वों की भागीदारी और कुछ कार्यक्रमों में गैर हिंदू व्यक्तियों का प्रवेश देखा गया है, जिससे शिवसेना कार्यकर्ताओं और अन्य धार्मिक संगठनों में आक्रोश बढ़ गया है। शिवसेना शिंदे पक्ष ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधीश से सख्त कार्रवाई करने की अपील की है। ज्ञापन सौंपने वालों में जिला प्रभारी आशीष परिदा, किशन साहू, देवराज साहू, गिरिराज देवांगन, महावीर यादव, तरुण दौंडेकर, लकी सिन्हा, टीकम कन्नौजे, नीलेश्वर निषाद समेत बड़ी संख्या में शिवसैनिक मौजूद थे। ज्ञापन में युवा सेना के जिला अध्यक्ष संजय सोनकर व अन्य नेताओं ने विभिन्न मांगों को विस्तार से प्रस्तुत किया।

अश्लील गानों पर लगे रोक

गरबा के दौरान बजाए जाने वाले गीतों की सूची में कुछ ऐसे गीत भी हैं, जो पूरी तरह से सांस्कृतिक व धार्मिक मूल्यों के विरुद्ध हैं। शिवसेना ने ऐसे गीतों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है और कहा है कि गरबा एक धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें केवल पारंपरिक व धार्मिक गीतों को ही अनुमति दी जानी चाहिए। युवा सेना ने मांग की है कि गरबा में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों के लिए पारंपरिक वेशभूषा अनिवार्य की जाए, ताकि आयोजन की पवित्रता बनी रहे।

गैर हिंदुओं के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग

शिवसेना ने मांग की है कि गरबा कार्यक्रमों में असामाजिक तत्वों की भागीदारी को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए जाएं। ऐसे लोग जो किसी भी तरह से आयोजन में व्यवधान उत्पन्न करने का प्रयास कर सकते हैं, उन्हें आयोजन स्थल से दूर रखा जाए। युवा सेना ने गरबा आयोजनों में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका मानना ​​है कि यह धार्मिक आयोजन विशेष रूप से हिंदू समुदाय से संबंधित है और अन्य धर्मों के लोगों के प्रवेश से आयोजन की पवित्रता प्रभावित हो सकती है। इसीलिए प्रवेश द्वार पर तिलक लगाने की व्यवस्था की मांग की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आयोजन में केवल हिंदू ही भाग लें।

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स्थानीय लोगों को रखा जाए ख्याल

शिवसेना ने यह भी मांग की है कि गरबा आयोजनों के लिए एक निश्चित समय सीमा होनी चाहिए। रात 10 बजे के बाद किसी भी तरह के ध्वनि यंत्र का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, ताकि ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण हो सके और स्थानीय लोगों को परेशानी न हो। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि किसी भी तरह का नशा करने वाले व्यक्तियों को गरबा आयोजन में प्रवेश न दिया जाए। शिवसेना का मानना ​​है कि ऐसे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नशे के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे कार्यक्रम की गरिमा कम होती है।

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