इंदौरः अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश की नर्सें बीते 3 दिनों से हड़ताल पर हैं। हड़ताली नर्सों को एनआरएचएम के साथ-साथ राधास्वामी सेंटर की नर्सों का भी साथ मिल गया है, जिसके चलते चौथे दिन शनिवार को हड़ताल ने जोर पकड़ लिया है। एमवाय अस्पताल पर चल रहे प्रदर्शन में नर्सों ने कोरोना वॉरियर्स सम्मान को लहरा-लहराकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि आज दोपहर को वे पीसी सेठी अस्पताल में ये अवार्ड मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को वापस लौटाएंगी। इस बीच भोपाल से खबर है कि एसीएस ने 5 जुलाई को नर्सिंग एसोसिएशन को चर्चा के लिए बुलाया है।
शनिवार सुबह करीब पांच सौ हड़ताली नर्सें एमवाय अस्पताल के गेट पर पहुंची और जमकर नारेबाजी की। स्थाई स्टाफ नर्सों का एक बड़ा समूह अभी भी अपनी मांगों पर अडिग है। उनकी मांग है कि हमें भी अन्य प्रदेशों की तरह दूसरी ग्रेड दी जाए। पुरानी उच्च स्तरीय पेंशन योजना लागू की जाए तथा कोरोना काल में जिन नर्सों की मौत हुई है उनके परिजनों को 50 लाख रु. की राशि दी जाए तथा उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए जबकि दूसरा गुट अस्पताल में काम कर रहा है। दूसरी ओर एनआरएचएम की अस्थाई 230 नर्सें नौकरी से निकाले जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं। अब इनकी मांग है कि हमें स्थाई या संविदा नियुक्ति दी जाए क्योंकि हमने कोरोना महामारी में जान जोखिम में डालकर काम किया और कई साथियों को खोया है।
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इस बीच राधा स्वामी सेंटर से जुड़ी एनएचएम की नर्सें भी हड़ताल में शामिल हो गईं और स्थाई नियुक्ति की मांग कर रही हैं। हालांकि अभी सेंटर में ज्यादा मरीज नहीं है क्योंकि संक्रमण भी कम है। फिर भी तीसरी लहर आई तो फिर फजीहत हो सकती है। इसी कड़ी में अब वे 150 से ज्यादा स्टाफ नर्सें जिनकी दो महीने पहली ही स्थाई रूप से पोस्टिंग हुई है उन्होंने भी विरोध करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि हमें कैंसर, टीबी अस्पतालों में काम करने का अनुभव नहीं है। ऐसे में हम कैसे मरीजों की सेवा करें। इनके सहित अन्य परेशानियां भी हैं। बहरहाल, वे नर्सें जिन्हें कोरोना वॉरियर्स का सम्मान मिला है वे सभी शनिवार को मुख्यमंत्री को अवॉर्ड लौटाने की तैयारी में हैं। इधर, हड़ताली नर्सों ने जूनियर्स डॉक्टर एसोसिएशन को भी अपनी पीड़ा बताकर समर्थन की अपील की है।