एनएसए मोहिब का दावा, तालिबान शांति के लिए प्रतिबद्ध नहीं

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काबुलः अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) हमदुल्ला मोहिब ने दावा किया कि तालिबान का देश की शांति प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध होने का कोई इरादा नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवादी समूह ने दोहा में वार्ता पूरी तरह से छोड़ दी है। मीडिया ने रविवार को यह जानकारी दी। खामा प्रेस ने शनिवार को मोहिब के प्रेस कॉन्फ्रेंस के हवालो से कहा कि तालिबान का इरादा स्पष्ट है। तालिबान शांति नहीं चाहते हैं, उनके मालिक उन्हें शांति स्थापित करने की अनुमति नहीं देंगे। यह तथ्य है कि वे अफगानिस्तान में स्थायी अस्थिरता चाहते हैं।

मोहिब के अनुसार, युद्धग्रस्त देश में हिंसा के स्तर को कम करने के लिए तालिबान तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि तालिबान अफगानिस्तान को नष्ट करना चाहता है, ये लोग केवल पूरी शक्ति चाहते हैं और कुछ नहीं।

उन्होंने कहा कि अगर तालिबान शांति नहीं चाहता है, तो हमें अपने लोगों का बचाव करना चाहिए। राष्ट्रपति (अशरफ) गनी शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं। लेकिन तालिबान शांति प्रक्रिया के लिए मुख्य बाधा हैं। एनएसए ने कहा कि हम उन्हें सिस्टम को ध्वस्त करने और उनके नापाक मंसूबों को अंजाम देने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि वे अफगानों को अवैध तरीके से मार रहे हैं।

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खामा प्रेस ने बताया कि उप रक्षा प्रमुख मंत्री शाह महमूद मिखेल ने ब्रीफिंग में कहा कि ‘अगर तालिबान युद्ध चाहते हैं तो हम तैयार हैं।’ टोलो न्यूज ने एक रिपोर्ट में कहा कि अफगान गणराज्य और तालिबान के बीच शांति वार्ता पिछले 20 दिनों से रुकी हुई है और देश में हिंसा भी इस दौरान अधिक हुई है।