अयोध्याः रामजन्मभूमि परिसर की विकास योजना को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार से दो दिवसीय बैठक हो रही है। इसमें हिस्सा लेने के लिए निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र अयोध्या पहुंचे हैं। नृपेन्द्र मिश्रा ने राम जन्मभूमि परिसर का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टूब्रो और टाटा कंसलटेंसी के इंजीनियरों के साथ विश्वामित्र आश्रम में बैठक कर जानकारी ली। दूसरी बैठक सर्किट हाउस में ट्रस्ट के पदाधिकारियों और टाटा कंसलटेंसी और एलएनटी के इंजीनियरों के साथ होगी।
बैठक में शामिल होने के लिए आर्किटेक्ट सोमपुरा भी पहुंचे हैं। बैठक में इंजीनियर पुरानी पद्धति से मंदिर निर्माण के लिए नींव की डिजाइन पेश करेंगे। वहीं इन दिनों राम मंदिर निर्माण के लिए गर्भगृह के आसपास से मिट्टी हटाई जा रही है। बैठक चार चरण में होगी, जिसमें पहले चरण की बैठक में राम ट्रस्ट व निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारी शामिल होंगे। दो दिवसीय बैठक (21 व 22 जनवरी) में मंदिर निर्माण के दौरान इस्तेमाल होने वाले मैटेरियल और नींव डिजाइन पर चर्चा होगी। इसे चार चरणों में बांटा गया है।
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पहले चरण में केवल ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारी व कार्यदायी संस्था के इंजीनियर शामिल होंगे। जिसमें निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो और टाटा कंसलटेंसी के अलावा आईआईटी दिल्ली, चेन्नई, मुंबई संस्थाओं के अलावा नेशनल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ शामिल होंगे। राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर की नींव के प्रारूप पर अंतिम मुहर लगाये जाने के साथ संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर के विकास की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप दिया जाना है। हालांकि राम मंदिर की नींव की खुदाई 15 जनवरी से ही शुरू हो गयी है और नींव के प्रारूप पर भले ही निर्माण समिति की बैठक में अंतिम मुहर लगेगी, पर उसे पहले ही स्वीकार कर लिया गया है।