छत्तीसगढ़ क्राइम

एनआर इस्पात का बड़ा फर्जीवाड़ा, उद्योग लगाने के लिए सरकारी जमीन भी खरीदी

रायगढ़: रायगढ़ जिले के ग्राम शिवपुरी में एनआर उद्योग (NR Udhyog) से लगे जमीन में उद्योग के विकास का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसके लिए करीब 250 एकड़ जमीन की खरीद की गई है, लेकिन इसमें दो खसरे नंबर मिशल में घास मद दिखा रहा है। इसके बावजूद इस खसरे नंबर की बिक्री नकल जारी हो गई और बकायदा इसकी रजिस्ट्री भी हो गई। इसके अलावा कई खसरा नंबर ऐसे हैं जिनमें मिशल में दर्ज रकबा बिक्री नकल और रजिस्ट्री के रकबा से मैच ही नहीं कर रहा है।

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गांव में घास मद की जमीन को सरकारी जमीन माना जाता है और इसकी खरीद-बिक्री नहीं होती है, लेकिन एनआर उद्योग (NR Udhyog) द्वारा क्रय किए गए जमीन में खसरा नंबर 15 को देखा गया तो इस खसरा नंबर के 1.400 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री हुई है जो कि पूर्व में सतपाल सिंधु की ओर से वृतपाल सिंधु ने एनआर आयरन एंड पावर प्रा. लि. के डायरेक्टर नंदकिशोर अग्रवाल को विक्रय किया है। मिशल में जब उक्त खसरे नंबर का नकल निकाला गया तो पता चला कि खसरा नंबर 15 में 0.13 हेक्टेयर भूमि है जो कि घास मद में दर्ज है। इसके अलावा खसरा नंबर 34/1 में 3.869, 34/1 में 0.397, 34/2 में 0.521 और 34/2 में 15.666 हेक्टेयर भूमि सतपाल सिंह और के रूद्रसेन के नाम पर दिखाकर रजिस्ट्री किया गया है, जबकि खसरा नंबर 34 में 1.39 हेक्टेयर जमीन घास मद की मिशल में दर्ज है।

अन्य खसरे का रकबा भी नहीं हो रहा मिलान -

एनआर उद्योग (NR Udhyog) द्वारा क्रय किए गए जमीन के रिकार्ड को जब मिशल से मिलान किया गया तो पता चला कि इसमें कई खसरे नंबर में रकबा मिशल से कहीं अधिक है। आखिर इतनी जमीन कहां से आया उक्त जमीन पुराने खातेदार के नाम पर कहां से आया इसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इस संबंध में एसडीएम रायगढ़ ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, इस पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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