गर्मियों में अब उत्तर प्रदेश में नहीं होगा बिजली संकट

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लखनऊः प्रदेशवासियों को भीषण गर्मी में बिजली संकट से राहत मिलने वाली है। प्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ने से यह संकट दूर होगा। आगामी मार्च माह तक करीब 2,640 मेगावाट और जून तक 5,280 मेगावाट बिजली उत्पादन बढ़ जाएगा। तापीय परियोजनाओं से उत्पादन शुरू हो जाने से गर्मियों में बिजली की कमी का संकट काफी हद तक कम हो जाएगा और शहर से लेकर गांव तक अधिक बिजली मिल सकेगी।

गौरतलब है कि वर्ष 2016 में 4,620 मेगावाट की तीन और वर्ष 2018 में 660 मेगावाट की एक तापीय परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया था। इनमें 3,300 मेगावाट की उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम की ओबरा सी, जवाहरपुर व पनकी विस्तार तीन परियोजनाएं हैं, वहीं 1,980 मेगावाट की घाटमपुर परियोजना राज्य विद्युत उत्पादन निगम व नैवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम है। इन चारों तापीय परियोजनाओं में 660-660 मेगावाट की आठ यूनिटें बनाई जा रही हैं।

इनमें से पनकी विस्तार परियोजना की 660 मेगावाट की एक यूनिट को छोड़कर अन्य यूनिटों से बिजली उत्पादन शुरू हो जाना चाहिए था। हालांकि, किसी न किसी कारण के चलते इन यूनिटों से बिजली उत्पादन नहीं शुरू हो सका। इन यूनिटों से सात साल बाद भी प्रदेश को बिजली न मिलने से जहां गर्मी में प्रदेशवासियों को भीषण बिजली संकट झेलना पड़ रहा है, तो वहीं पावर कॉर्पोरेशन को एनर्जी एक्सचेंज से काफी ऊंचे दाम पर बिजली खरीदनी पड़ रही है।

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परियोजनाओं की लेटलतीफी को लेकर अब कड़ा रूख अख्तियार किया जा रहा है। इसके चलते 1,980 मेगावाट की क्षमता वाली यूनिटों से जल्द बिजली उत्पादन शुरू होने की संभावना है। इसके अलावा 2,640 मेगावाट की चार अन्य यूनिटों से मार्च तक व 660 मेगावाट की अन्य यूनिट से जून तक बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। उत्पादन निगम के अफसरों के मुताबिक, सभी परियोजनाओं का काम तेज गति से चल रहा है। आगामी गर्मियों से पहले इन उत्पादन इकाईयों से बिजली मिलनी शुरू हो जाएगा। ओबरा सी, जवाहरपुर व पनकी विस्तार परियोजना की सौ प्रतिशत बिजली प्रदेशवासियों को मिलेगी, जबकि घाटमपुर परियोजना से उत्पादिक कुल बिजली का 85 प्रतिशत ही प्रदेश को मिलेगा। लाइन हानियां 09 प्रतिशत कम, 20 प्रतिशत बढा राजस्व विद्युत विभाग में किए जा रहे ढांचागत बदलाव का असर अब दिखने लगा है।

अनुरक्षण व नवीनीकरण के कार्यों से बीते करीब डेढ़ वर्षों में प्रदेश की बिजली व्यवस्था में बेहतर सुधार हुआ है। तकनीकी व वाणिज्य हानियां (एटी एंड सी लॉस) जहां 09 प्रतिशत कम हुई है, तो वहीं राजस्व वसूली में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।  ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि वर्ष 2021-22 में लाइन हानियां 31.19 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2022-23 में 22.01 प्रतिशत रह गई है। अक्टूबर 2022 में प्रदेश की कुल राजस्व वसूली 4139 करोड़ रुपए थी, जो अक्टूबर 2023 में बढकर 4,844 करोड़ रुपए हो गई है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की मदद से प्रदेश में आरडीएसएस व बिजनेस प्लान योजना चलाई जा रही है। आरडीएसएस योजना में सत्रह हजार करोड़ रुपए, बिजनेस प्लान के तहत पांच हजार करोड़ रुपए और शहरों में एक हजार करोड़ रुपए से विद्युत सुधार के कार्य कराए जा रहे हैं।

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