हिसार: जिले के उकलाना क्षेत्र के गांव फरीदपुर के स्कूल से शिक्षकों का तबादला हो जाने के बाद छात्र-छात्राओं ने स्कूल के गेट के बाहर कक्षाएं लगानी शुरू कर दी है। विद्यार्थियों का कहना है कि स्कूल में शिक्षकों के 11 पद खाली हैं, ऐसे में वे कैसे पढ़ें।
स्कूल के बाहर धरना दे रहे विद्यार्थियों व ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षा विभाग ने अभी तक कोई सुध नहीं ली है। शिक्षक न होने के कारण बच्चों की पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है। गुरूवार को कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक नरेश सेलवाल भी धरने को समर्थन देने पहुंचे। उन्होंने सरकार पर जानबूझकर सरकारी स्कूल बंद करने का आरोप लगाया।
ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल में शिक्षकों के कुल 11 पद है, जिनमें से छह अध्यापकों का एक साथ तबादला कर दिया गया और बाकी चार पद पहले से खाली थे। फरीदपुर स्कूल में एक गेस्ट टीचर ही बचा हुआ था, जिनका तबादला दो दिन पहले कर दिया गया है। अब फरीदपुर का स्कूल बाबूजी (क्लर्क) के सहारे चल रहा है।
गुस्साए ग्रामीणों ने हलका उकलाना से विधायक और राज्य मंत्री अनूप धानक पर भी आरोप जड़े। ग्रामीणों ने कहा कि हलके का मंत्री होते हुए भी उनकी सुध नहीं ली जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार 29 सितम्बर से बच्चों के छह माही पेपर हैं, जिन को लेकर अध्यापक ना होने की वजह से बच्चों की शिक्षा पर तलवार लटक चुकी है। बच्चे स्कूल के गेट के सामने बैठ कर खुद पढ़ाई करने को मजबूर हैं, लेकिन अभी तक विभाग या सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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