अब दूसरे अस्पतालों को भी मिलेगी मदर मिल्क बैंक की सुविधा

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लखनऊः ऐसे बहुत से नवजात शिशु होते हैं, जिन्हें किसी वजह से शुरुआती दिनों में मां का दूध नहीं मिल पाता है। अपने यहां एडमिट ऐसे ही नवजात शिशुओं के लिए केजीएमयू ने मदर मिल्क बैंक की सुविधा मुहैया करा रखी है। केजीएमयू ने अब मदर मिल्क बैंक से राजधानी के 04 अस्पतालों को जोड़ने की कवायद शुरू की है। इससे इन अस्पतालों में भी उन नवजात शिशुओं को मां का दूध उपलब्ध कराया जा सकेगा, जो पैदा होते ही मां के दूध से वंचित रह जाते थे।
केजीएमयू के मिल्क बैंक से अब आस-पास के अस्पतालों के सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट एसएनसीयू को भी जोड़ा जाएगा।

केजीएमयू के मदर मिल्क बैंक से जुड़ने वाले अस्पतालों में श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल, लोक बंधु अस्पताल, झलकारी बाई और वीरांगना अवंती बाई डफरिन अस्पताल शामिल हैं। इससे पहले केजीएमयू के मदर मिल्क बैंक से केवल उन बच्चों को ही दूध उपलब्ध हो पाता था, जो केजीएमयू में एडमिट होते थे। अगस्त के पहले सप्ताह से विश्व स्तनपान दिवस मनाया जाता है। इसी उपलक्ष्य में केजीएमयू ने इस महत्वपूर्ण कदम को उठाया है। मदर मिल्क बैंक की इंचार्ज प्रोफेसर माला ने मीडिया को बताया कि एनएचएम की ओर से प्रदेश के 94 एसएनसीयू में लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट (एलएमयू) स्थापित की जानी है। केजीएमयू के आस-पास के 14 एसएनसीयू हैं, जिनमें यह लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट (एलएमयू) बनेगी। उसके बाद इसे मिल्क बैंक से जोड़ा जाएगा। अभी सिर्फ केजीएमयू के लिए उन बच्चों को ही मदर मिल्क से मां का दूध उपलब्ध हो पा रहा हैं, जो बच्चे केजीएमयू में ही एडमिट हैं। मदर केयर मिल्क बैंक के बारे में शुरुआती दिनों में जागरूकता कम होने की वजह से इस बैंक में मिल डोनेट करने वालों की संख्या बहुत कम होती थी।

साल 2019 में सिर्फ 82 लीटर मिल्क डोनेशन हुआ था, जबकि पिछले साल 2022 में यह बढ़कर 145 लीटर के आस-पास हो गया है। अब नए एसएनसीयू को जोड़ने के बाद इसका डोनेशन कई गुना बढ़ जाएगा। एएमयू का काम होगा कि वह महिलाओं को बच्चों को दूध पिलाने में मदद करें और जब बच्चे का पेट भर जाए और दूध बचा हो, उसे बैंक में डोनेट करवाएं। इसके लिए पूरा नेटवर्क तैयार कराया जाएगा। अब तक 2,255 महिलाएं मदर मिल्क डोनेट कर चुकी हैं। अभी मिल्क बैंक में इसके लिए काउंसलर की व्यवस्था है, जो महिलाओं को डोनेशन के लिए काउंसलिंग भी करती हैं और उन्हें प्रोत्साहित भी करती हैं।

रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान