लखनऊः उत्तर प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार एक्सप्रेस-वे के किनारे लैंड बैंक विकसित करेगी, ताकि भविष्य में उद्यमियों की मांग के अनुरूप इंडस्ट्री के लिए जमीन मिल सके। शुरूआत में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे लैंड बैंक बनाए जाएंगे। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर ट्रांसपोर्टेशन पहले ही शुरू हो गया है। मार्च तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर भी ट्रैफिक शुरू कर दिया जाएगा।
यूपीसीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने के लिए जमीन भी चिन्हित कर ली गई है। जल्द ही जमीन खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्नाव के पास एक इंडस्ट्रियल पार्क के लिए भी जमीन चिन्हित की गई है।
प्रदेश में निवेश करने वाले निवेशक लंबे समय से एक्सप्रेस-वे के किनारे लैंडबैंक बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह है कि एक्सप्रेस-वे के पास इंडस्ट्री के लिए लैंडबैंक बनाने से इंडस्ट्री को अच्छी कनेक्टिविटी मिलेगी। इन दोनों एक्सप्रेस-वे के जरिए यूपी के एक कोने से दूसरे कोने तक इंडस्ट्री द्वारा मैन्युफैक्च र्ड गुड्स 10 से 12 घंटे में प्रदेश से एक कोने से दूसरे कोने में पहुंच सकेगा। लैंड लॉक स्टेट होने के नाते यूपी में निवेश करने वाले उद्यमियों के लिए ट्रांसपोर्टेशन एक बड़ी चुनौती रहा है। यही वजह है कि अब सरकार इस समस्या को दूर करने के लिए एक्सप्रेस-वे के किनारे इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने की तैयारी कर रही है।
प्रदेश में बन रहे या बन चुके एक्सप्रेस-वे के रूट में वह स्थान चिन्हित किए गए हैं जो औद्योगिक निवेश और विकास के लिहाज से खासे संभावनापूर्ण हैं। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के नजदीक फिरोजाबाद में हरगुन को इंडिस्ट्रियल पार्क के लिए चिन्हित किया गया है। इसी तरह आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाले आगरा जिले में बुहाना गांव की पहचान की गई है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के तहत चित्रकूट में पोहरा में यह पार्क बनेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के तहत बाराबंकी में बारा गांव तय किया गया है। मैनपुरी में मुहब्बतपुर चिन्हित किया गया है।
उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में पांच एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के अलावा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर काम शुरू हो गया है। वहीं गंगा एक्सप्रेस-वे,और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित हैं।
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यूपी के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि यूपीसीडा के अधिकारी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के पास लैंडबैंक स्थापित करें। ताकि भविष्य में मांग के अनुरूप उद्यमियों को आवश्यक भूखंड आवंटित किया जा सके।