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CCS से मिली मंजूरी, अब नई मिसाइल परीक्षण रेंज विकसित करेगा भारत

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नई दिल्लीः एक तरफ भारत उच्च मारक क्षमता वाली नई मिसाइलों का विकास कर एयरोस्पेस की दुनिया में अपना दबदबा कायम कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय सेना भी अपनी फायरिंग रेंज की संख्या बढ़ाने की योजना पर लगातार काम कर रही है। केंद्रीय सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने आंध्र प्रदेश में एक नई मिसाइल परीक्षण रेंज (new missile test range) की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा सेना ने माओवादियों के गढ़ अबूझमाड़ के घने जंगल वाले इलाके में एक विशाल सैन्य युद्धाभ्यास रेंज स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

विकसित की जाएंगी ये मिसाइल

DRDO रक्षा बलों के लिए बड़ी संख्या में हथियार प्रणालियों को विकसित करने के उन्नत चरण में है, जिसमें बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, मानव पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, लंबवत रूप से लॉन्च की गई छोटी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली और रणनीतिक डोमेन में कई अन्य प्रणालियां शामिल हैं। नई मिसाइल परीक्षण रेंज का इस्तेमाल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, टैंक रोधी मिसाइल और सामरिक मिसाइल प्रणाली के परीक्षण के लिए किया जाएगा।

सड़कें बनाने के प्रस्तावों को भी मिला बढ़ावा

सीसीएस ने पिछले सप्ताह इसी बैठक में अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदने और भारतीय नौसेना के लिए दो परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण को भी मंजूरी दी थी। इन परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण में डीआरडीओ की प्रमुख भूमिका होगी। भारतीय नौसेना को दो परमाणु ऊर्जा चालित हमलावर पनडुब्बियां मिलेंगी, जो हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना की क्षमताओं को कई गुना बढ़ाने में मदद करेंगी। यह सौदा लंबे समय से अटका हुआ था और भारतीय नौसेना इस पर जोर दे रही थी, क्योंकि पानी के भीतर क्षमता की कमी को पूरा करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण आवश्यकता थी। बैठक में अंतरिक्ष आधारित क्षमताओं के साथ-साथ सेनाओं के लिए सड़कें बनाने के प्रस्तावों को भी आगे बढ़ाया गया है।

चिट्ठी में और किस बात का उल्लेख

इसके अलावा भारतीय सेना माओवादियों के गढ़ अबूझमाड़ के घने जंगल वाले इलाके में 545 वर्ग किलोमीटर में फैली एक विशाल सैन्य युद्धाभ्यास रेंज स्थापित करेगी। इसका उपयोग एकीकृत युद्ध समूहों, स्ट्राइक कोर, लड़ाकू विमानन ब्रिगेड, रॉकेट बलों के अभ्यास के लिए किया जाएगा। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में फैला अबूझमाड़ 4,000 वर्ग किलोमीटर में फैला वन क्षेत्र है। 07 अगस्त को छत्तीसगढ़ सरकार ने नारायणपुर जिला प्रशासन से अबूझमाड़ के जंगलों के अंदर सेना के युद्ध अभ्यास रेंज के लिए 54,543 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करने को कहा था। पत्र में कहा गया था कि यह रेंज जिले की ओरछा तहसील के सोनपुर-गरपा क्षेत्र में अबूझमाड़ के जंगलों में स्थापित की जाएगी।

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चीन के साथ गतिरोध के बीच उत्तरी सीमा पर भारतीय सेना ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एक नई हाई-एल्टीट्यूड फर्स्ट फायरिंग रेंज स्थापित की है। यह युद्ध अभ्यास रेंज सामरिक युद्ध अभ्यास के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें दुश्मन के टैंकों से बचाव जैसी आक्रमण रणनीति शामिल है।

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