Friday, October 18, 2024
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अब बारकोड स्कैन कर ट्रेस की जा सकेंगी फाइलें, डिजिटल होगा पूरा सिस्टम

लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) में 18वीं सदी के अभिलेखों के साथ ही वर्तमान में प्रचलित फाइलें भी अब आसानी से मिल सकेंगी। इसके लिए गोमती नगर स्थित प्राधिकरण भवन में करीब 03 करोड़ रुपये की लागत से हाईटेक रिकॉर्ड रूम बनाया जाएगा। जहां मोबाइल कॉम्पैक्ट स्टोरेज सिस्टम के तहत फाइलें सेव होंगी और जरूरत पड़ने पर बारकोड को स्कैन करके चंद सेकेंड में फाइल का पता लगाया जा सकेगा। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के निर्देश पर रिकार्ड रूम के निर्माण व उच्चीकरण के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

फाइल खोजने में होती है परेशानी

प्राधिकरण में नजूल, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट, सीलिंग, अधिग्रहण, मानचित्र व संपत्ति आदि की हजारों महत्वपूर्ण फाइलें हैं। नजूल व ट्रस्ट की इनमें से कुछ फाइलें 18वीं सदी की हैं। फिलहाल ये सभी फाइलें दो अलग-अलग स्थानों पर बने रिकार्ड रूम में रखी जाती हैं। इनमें से एक रिकार्ड रूम लालबाग स्थित एलडीए कार्यालय में है और एक रिकार्ड रूम गोमती नगर स्थित प्राधिकरण भवन की पुरानी बिल्डिंग में है। रिकार्ड रूम अलग-अलग स्थानों पर होने से फाइलों को सहेजने व सुरक्षित रखने, खोजने व ले जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही फाइलें गुम होने की शिकायतें भी सामने आती रहती हैं। इससे विभागीय कार्य तो बाधित होता ही है, साथ ही आवंटियों को भी अपने काम कराने के लिए महीनों प्राधिकरण के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

1200 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनेगा रिकॉर्ड रूम

गोमती नगर के विपिन खंड स्थित प्राधिकरण भवन की पुरानी बिल्डिंग की चौथी, पांचवीं और छठी मंजिल पर करीब 1200 वर्ग मीटर क्षेत्र में आधुनिक रिकॉर्ड रूम बनाया जाएगा। इसमें मोबाइल कॉम्पैक्ट स्टोरेज सिस्टम के तहत नवीनतम तकनीक से डिजाइन की गई बंद अलमारियों में फाइलें और नक्शे रखे जाएंगे। इससे कम जगह में ज्यादा से ज्यादा फाइलें रखी जा सकेंगी। साथ ही नमी और दीमक से फाइलों के खराब होने के खतरे से भी पूरी तरह मुक्ति मिलेगी।

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पुराने रिकॉर्ड का होगा डिजिटलाइजेशन

रिकॉर्ड रूम के निर्माण में गैर दहनशील सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा। जिससे आग लगने पर आग नहीं फैलेगी और दस्तावेजों को बचाया जा सकेगा। सभी फाइल बॉक्स पर बारकोड स्कैनर लगाए जाएंगे, ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी योजना की फाइल को आसानी से स्कैन करके ट्रेस किया जा सके। इसके अलावा नजूल और इंप्रूवमेंट ट्रस्ट आदि के पुराने रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने के लिए दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा। रिकॉर्ड रूम को संवेदनशील तरीके से संचालित करने के लिए रिकॉर्ड अनुभाग में तैनात कर्मचारियों को ही वहां प्रवेश की अनुमति होगी। इसके लिए केवल अनुभाग के कर्मचारियों को ही रिकॉर्ड रूम में प्रवेश कार्ड दिया जाएगा।

रिपोर्ट- शरद त्रिपाठी

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