Sunday, December 15, 2024
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Homeउत्तर प्रदेशअब जोन में टेक्नोक्रेट की जगह तैनात होंगे ब्यूरोक्रेट

अब जोन में टेक्नोक्रेट की जगह तैनात होंगे ब्यूरोक्रेट

लखनऊः पावर कॉर्पोरेशनके चेयरमैन और एमडी के पद पर आईएएस की तैनाती के बाद अब जोन में भी ब्यूरोक्रेट की तैनाती होगी। ऊर्जा सेक्टर के जोन भी टेक्नोक्रेट की जगह ब्यूरोक्रेट के हाथों में होंगे। इसके लिए जोन में संयुक्त प्रबंध निदेशक का पद सृजित किया जाएगा। इस पद पर विशेष सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी तैनात किए जाएंगे, इससे जोन में चीफ इंजीनियरों की भूमिका को खत्म करने की तैयारी है।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में विद्युत आपूर्ति से सम्बंधित समस्याओं के समाधान की बात आई, तो आईएएस अफसरों के नाम सामने कर दिए गए। बैठक में फैसला लिया गया कि जोन स्तर पर संयुक्त प्रबंध निदेशक के पद सृजित कर उन पर प्रशासनिक अफसरों की तैनाती की जाए। पावर कॉर्पोरेशन में अभी तक चेयरमैन और एमडी के पद पर प्रशासनिक अफसर तैनात होते हैं, वहीं डिस्कॉम में भी एमडी के पद पर आईएएस अफसरों का कब्जा है। अब ऐसा माना जा रहा है कि जोन स्तर पर भी आईएएस अफसरों की तैनाती की तैयारी है। आगामी 27 जून को मुख्य सचिव की बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। इसकी शुरुआत प्रयागराज, गोरखपुर व झांसी से की जा रही है। यह प्रयोग सफल रहा तो सभी जोन में चीफ की जगह आईएएस अफसरों की तैनाती की जाएगी। हालांकि, चीफ का पद खत्म नहीं होगा लेकिन असली पावर आईएएस के पास ही होगी।

संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के मुताबिक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि पूर्वांचल डिस्कॉम के अधीन प्रयागराज व गोरखपुर और दक्षिणांचल डिस्कॉमके झांसी जोन में संयुक्त प्रबंध निदेशक के पद पर प्रशासनिक अफसरों की तैनाती की जाएगी। यह अफसर विशेष सचिव स्तर के होंगे। इस पद पर सीनियर की जगह जूनियर आईएएस तैनात होंगे। सीनियर को डिस्कॉम में एमडी बनाया जाएगा। शासन के इस फैसले से विभागीय इंजीनियरों में खासा रोष है और वह इस फैसले से खुश नहीं हैं। अभियंताओं का मानना है कि विद्युत आपूर्ति की समस्या को समझने और उसे दूर करने में टेक्नोक्रेट जरूरी हैं, न कि ब्यूरोक्रेट। हालांकि, अभियंताओं की ऐसी स्थिति नहीं है कि वह शासन के इस फैसले का खुला विरोध कर सकें। इसकी वजह यह है कि संगठनों के अधिकांश पदाधिकारी पहले से ही निलम्बित चल रहे हैं। ऐसी दशा में वह कुछ करते हैं तो उनके खिलाफ पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन और सख्त कदम उठा सकता है। इसकी वजह से ही अभियंता न चाहते हुए भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।

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विद्युत आपूर्ति सुधार के लिए जोनवार मिले एक करोड़

प्रदेश की बदहाल विद्युत आपूर्ति पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रूख के बाद अब सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। सुधार को लेकर पावर कॉर्पोरेशनअध्यक्ष ने कई आदेश-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत विद्युत सप्लाई बेहतर करने के लिए जोन के चीफ को एक करोड़ रुपए तक खर्च करने के अधिकार शामिल हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में विद्युत सप्लाई की माॅनीटरिंग के लिए फीडर मैनेजर की नियुक्ति का आदेश भी शामिल है। विद्युत सप्लाई में सुधार के लिए चेयरमैन एम. देवराज ने कहा कि निदेशक मण्डल ने बिजनेस प्लान में भेजे गए सभी प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है। जोन स्तर पर चीफ को एक करोड़ रुपए तक के कार्य अपने स्तर पर करा सकते हैं। अध्यक्ष ने कहा कि अवर अभियंता स्तर के कार्मिकों को फीडर मैनेजर नियुक्त किया गया है।

इनकी जिम्मेदारी होगी कि फीडर का अनुरक्षण कराएं और ब्रेकडाउन होने पर उसकी तत्काल मरम्मत का काम पूरा कराएं। इसके लिए जरूरी विद्युत सामग्री एसडीओ व अधिशासी अभियंता से प्राप्त की जाए। उन्होंने कहा कि अवर अभियंता व फीडर मैनेजर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने सभी प्रबंध निदेशकों को उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज की समस्या दूर करने के उपाय भी बताएं। उपभोक्ताओं को अपने घरों की अर्थिंग ठीक करने और कहीं फीडर या ट्रांसफार्मर के कारण लो वोल्टेज की समस्या हो, तो वहां एलटी लाइन को सुधारने के निर्देश दिए। पारेषण उपकेंद्रों से भी वोल्टेज बढ़ाया जाए, ताकि आखिरी उपभोक्ता तक बेहतर वोल्टेज मिल सके। डिस्कॉम के साथ जोन स्तर पर कंट्रोल रूम बनाए जाए।

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