यूपी में बीते तीन दिनों में नहीं हुई एक भी संक्रमित की मृत्यु, 11 जनपद हुए कोरोना मुक्त

43

 

लखनऊः उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 2 लाख 38 हजार 888 कोविड सैम्पल की जांच की गई और 25 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इसी अवधि में 42 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर 98.6 प्रतिशत है। 416 लोग घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। अब तक 16 लाख 85 हजार 91 से अधिक प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। नियोजित प्रयासों और जनसहभागिता से प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। यह अत्यंत सुखद है कि विगत तीन दिनों में एक भी संक्रमित की मृत्यु नहीं हुई। हर दिन ढाई लाख से तीन लाख टेस्ट हो रहे हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 फीसदी तक आ गई है और रिकवरी दर 98.6 फीसदी है।

कोविड-19 के लिए गठित टीम-09 की बैठक में सोमवार को अधिकारियों ने यह जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दी। सीएम योगी बताया कि जनपद अलीगढ़, अमरोहा, बदायूं, एटा, फर्रुखाबाद, हाथरस, कासगंज, कौशाम्बी, महोबा, प्रतापगढ़ और श्रावस्ती में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं। अधिकारियों ने बताया कि विगत दिवस किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए केस की पुष्टि नहीं हुई। 58 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि मात्र 17 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 646 है। प्रदेश में हर नए दिन के साथ कोविड महामारी पर नियंत्रण की स्थिति और बेहतर होती जा रही है। अब तक उत्तर प्रदेश में 4 करोड़ 84 लाख 43 हजार से अधिक कोविड वैक्सीन लगाए जा चुके हैं। 4 करोड़ 06 लाख से अधिक लोगों ने कम से कम कोविड की एक खुराक ले ली है। यह किसी एक राज्य द्वारा किया गया सर्वाधिक वैक्सीनेशन है। कोविड वैक्सीनेशन को और तेज करने की आवश्यकता है।

यह भी पढ़ेंःICMR का दावा, कोरोना के डेल्टा व डेल्टा प्लस वेरिएंट पर कारगर है कोवैक्सिन

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं व सेवाओं की सुगम उपलब्धता कराने में ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेला’ ने कम समय में ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्वाधीनता दिवस के उपरांत साप्ताहिक आरोग्य मेलों को पुनः प्रारम्भ करने पर विचार किया जाए। मेले में स्वास्थ्य सम्बंधी परीक्षण भी हों और गोल्डन कार्ड भी बनाए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जरूरतमंद मरीजों को एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित हो। इसमें लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। किसी भी दशा में मरीज अथवा उनके परिजन का उत्पीड़न न हो। किसी प्रकार की लापरवाही व नेगलीजेंसी की शिकायत मिली तो कार्रवाई तय है। जिलाधिकारी अपने जिलों में एम्बुलेंस संचालन की व्यवस्था पर सतत नजर बनाए रखें।