प्रदेश उत्तर प्रदेश Featured

न भूसा, न चारा, भूख और ठंड से तड़प रहीं गौमाता, कीचड़ में बैठने को मजबूर हैं गायें

Cows at a cowshed in Mathura. (
गौशालाओं

लखनऊः सीएम योगी आदित्यनाथ मुख्य बजट और अनुपूरक बजट के अलावा तमाम मौकों पर गौरक्षा के लिए लाखों का बजट पास कराते आए हैं, फिर भी गौशालाओं की हालत बेहद खराब है। पशुओं को भरपेट भोजन भी नही मिल पा रहा है, तो इस कड़कड़ाती ठंड में भी वह ठिठुरने को मजबूर हैं। राजधानी लखनऊ में प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा सभी विभागों के बड़े अधिकारी बैठते हैं। मुख्यमंत्री के सभी आदेश यहीं से होकर प्रदेश के अन्य जिलों तक पहुंचते हैं, इसके बाद भी दीया तले अंधेरा है। राजधानी में ही मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

ये भी पढ़ें..भाजपा के लिए संजीवनी साबित होंगे आरपीएन सिंह, पडरौना में बिगड़ सकता है सपा- कांग्रेस का समीकरण

गौशालाओं में गायों की जो दशा है, उसे देखकर किसी का भी दिल दहल सकता है। हम बात कर रहे हैं राजधानी के सिसेंडी के जबरौली स्थित गौशाला की। इंडिया पब्लिक खबर ने यहां की पड़ताल की तो सरकारी दावों की कलई पूरी तरह खुल गई। यहां पर करीब 250 की संख्या में गौवंशीय हैं, लेकिन पिछले चार महीनों से भूसे के लिए बजट ही नही मिल सका है। ऐसे में पशुओं को हरा चारा तो दूर पेट भरने के लिए पर्याप्त भूसा भी नही मिल पा रहा है। चूंकि इस समय भूसा दस रूपए किलो बिक रहा है, ऐसे में यहां रह रहे पशुओं के लिए भरपूर मात्रा में भूसा जुटा पाना मुश्किल हो रहा है। सिसेंडी की गौशाला में चारों ओर पानी भरा है। इस विकराल ठंडक में टीन शेड भी उतनी नहीं है, जिसके नीचे सभी पशु आ जाएं। इसके नीचे कभी सफाई नहीं की जाती है। काफी ऊंचाई तक गोबर भरा रहता है। गीला होने पर भी इसी पर गौवंशीय बैठने को मजबूर हैं।

घायलों को भी बैठने की जगह नहीं

चारा खाने और छाया में बैठने के लिए तमाम पशु बेताब रहते हैं। कभी-कभी इनमें मारामारी भी हो जाती है। इसके चलते यह घायल भी हो जाते हैं। यही नहीं कुछ गाय बाहर से लाई जाती हैं। लोग इनको बड़ी निर्दयता से कुल्हाड़ी तक मार चुके होते हैं। यह पशु भी बड़े घाव लिए कीचड़ में बैठने के लिए विवश हैं। यही नहीं पूरी गौशाला में जिधर भी देखो पानी ही भरा हुआ है। कहीं भी जमीन सूखी नहीं है। पीने वाला पानी भी काफी गंदा रहता है। यहां तक कि जिस स्थान को पीने के पानी के लिए बनाया गया है, उसमें गोबर भरा रहता है।

नियमित नहीं आते चिकित्सक

सिसेंडी की गौशाला की जिम्मेदारी संभालने के लिए पशु चिकित्सक को भी लगाया गया है, पर यहां तमाम जानवर जख्मी होने के बाद भी दवाओं के लिए छटपटा रहे हैं। चारा न मिल पाने से यहां के पशु अत्यंत कमजोर हो चुके हैं।

बाड़े में पड़े रहते हैं शव

जबरौली की गौशाला का हाल बेहाल है। पशुओं की संख्या अधिक होने के कारण पर्याप्त देखभाल नहीं हो पा रही है। जो लोग इनकी देखभाल कर रहे हैं, वह खुद अपनी दिहाड़ी के लिए इंतजार करते रहते हैं। दिनेश कुमार यहां के सीनियर रखवाले हैं। इनका कहना है कि सवा दो सौ रूपये उनको दिए जा रहे हैं। कई महीने बाद चारा का पैसा आता है, लेकिन किसी तरह चारे का प्रबंध कर लिया जाता है। इंडिया पब्लिक खबर के रिपोर्टर ने जब पूरी तहकीकात की तो सच सामने आ गया। जहां पशुओं के बैठने की व्यवस्था थी, वहीं दो गोवंशीय पशुओं के शव पड़े थे। यह कई दिनों से बीमार थे। सूत्र की मानें तो ठंड लगने की वजह से इनकी मौत हो गयी।

बैल और साड़ करते हैं जख्मी

गौशाला में बैल और साड़ तमाम गायों को रोज जख्मी कर देते हैं, इसलिए जबरौली में गौशाला को बीच से बांट दिया गया। एक ओर सांड़ और बैल रहते हैं तो दूसरी ओर गायों को जगह दी गई है। यही नहीं यह पर रखवाले भी पशुओं के साथ सहानुभूति नही रखते और उन्हें इधर-उधर करते समय निर्दयता से पीटते हैं।

अधिक संख्या बन रही परेशानी

गौशाला में पशुओं की संख्या काफी अधिक है। नियमतः आने वाले किसी गौवंशीय पशु को रखना ही होता है, इसलिए इनकी संख्या बढ़ती जा रही हैं। एक गौशाला में 200 से ज्यादा गाय हैं। इसके बाद भी शहर में पशुओं की भरमार है।

बेेजुबानों को मदद की है दरकार

यह बेजुबान हैं, इसलिए किसी से ऐसी मदद नहीं मांग सकते जिसे आम आदमी समझ सके। तमाम अवसरों पर लोग एक-दूसरे की मदद के लिए हाथ उठाते रहते हैं। चारे के बंदोबस्त में लोग खुलकर साथ दें, तो यह बेजुबान भूख से न तड़पें। जो पराली जला दी जाती है या फिर खेत में छोड़ दी जाती है, उसे भी इन गौशालाओं को दिया जा सकता है। इसके अलावा आर्थिक मदद कर गौशालाओं की दशा को सुधारा जा सकता है।

ठंड से बचाने की है व्यवस्था, पर रहता है खतरा

जबरौली गौशाला में देखभाल कर रहे दिनेश कुमार कहते हैं कि गौशाला में ठंडक से गायों को राहत दिलाने के लिए कंडे और लकड़ी जलाई जाने की व्यवस्था है, लेकिन इससे उनके घायल होने का डर बना रहता है। पूर्व में एक गाय उस समय जल गई थी, जबकि कुछ गार्य इंधन के करीब जाने के चक्कर में आपस में लड़ गई थी। एक गाय आग मंे गिरकर घायल हो गई थी।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)