Nithari Kand: नोएडा के चर्चित निठारी कांड में सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद द्वारा सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ अपील को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। चूंकि आरोप संदेह से परे साबित नहीं हो सके, इसलिए उन्हें कई मामलों में निर्दोष घोषित कर बरी कर दिया गया। न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एस.एच.ए. रिजवी की खंडपीठ ने लंबी बहस के बाद अपीलों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसला सोमवार 16 अक्टूबर को सुनाया गया।
कोली को 12 मामलों में दी गई मौत की सजा
दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दोनों दोषियों की 14 अर्जियों पर अपना फैसला सुनाया। सुरेंद्र कोली ने 12 मामलों में दी गई मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की थी। वहीं मनिंदर सिंह पंधेर ने दो मामलों में दी गई मौत की सजा के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी। मोनिंदर सिंह पंधेर की वकील मनीषा भंडारी ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मोनिंदर सिंह पंधेर को उनके खिलाफ दो अपीलों में बरी कर दिया है। उस पर कुल 6 मुकदमे थे। कोली को सभी अपीलों में बरी कर दिया गया है।
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इस आधार पर किया गया दोनों को बरी
हाई कोर्ट ने बिना किसी प्रत्यक्ष सबूत और बिना किसी गवाह के आधार पर दोषियों को बरी कर दिया। इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले से सीबीआई को बड़ा झटका लगा है। हालांकि, रिम्पा हलदर हत्याकांड में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने सुरेंद्र कोहली की मौत की सजा को बरकरार रखा था। इन्हीं सबूतों के आधार पर रिम्पा हलदर हत्याकांड में इन दोनों को मौत की सजा दी गई।
दर्जनों लड़कियों की बेरहमी से की गई थी हत्या
बता दें कि दर्जनों लड़कियों की बेरहमी से हत्या और बलात्कार के एक दर्जन से अधिक मामलों में कोली को दी गई मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की गई है। पंढेर को तीन मामलों में मौत की सजा भी सुनाई जा चुकी है। निठारी गांव से लड़कियों को नोएडा में पंढेर के घर लाकर हत्या कर दी गई थी।
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