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निशंक बोले-विश्व के सबसे बड़े शैक्षणीक रिफॉर्म के रूप में भी उभरी नई शिक्षा नीति

नई दिल्लीः केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को नई शिक्षा नीति-2020 को नए भारत के निर्माण की आधारशिला बताते हुए कहा यह विश्व के सबसे बड़े शैक्षणीक सुधार (रिफॉर्म) के रूप में भी उभरी है। उन्होंने कहा कि इस नीति के माध्यम से हम भारत को विश्व स्तर पर ‘ज्ञान की महाशक्ति’ के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध भी हैं। शायद यही वजह है कि हमारी इस नीति की चर्चा एवं प्रशंसा कैंब्रिज विश्वविद्यालय से लेकर पूरा विश्व समुदाय कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री निशंक आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर एएमयू के फैकल्टी मेंबर प्रोफ़ेसर मोहम्मद सज्जाद अतहर और हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रोफ़ेसर एस के सिंह द्वारा लिखी गई पुस्तक "द फिजिक्स ऑफ न्यूट्रिनो इंटरैक्शन" (कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस) का विमोचन भी किया।

निशंक ने कहा कि वर्ष-2020 को जहां कोविड महामारी के लिए याद किया जाएगा तो वहीं दूसरी ओर चुनौतियों को अवसर में बदलने की हमारी जिजीविषा (जीने की इच्छा) के लिए भी यह इतिहास में दर्ज होगा। एक ओर जहां पूरी दुनिया अपनी शैक्षिक व्यवस्था को एडजस्टमेंट और अमेंडमेंट कर पैचवर्क की प्रक्रिया में व्यस्त थी, वहीं हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश को एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उपहार मिला है।

उन्होंने कहा कि कैरेक्टर बिल्डिंग से लेकर नेशन बिल्डिंग तक भारतीय मूल्यों को समेटे हुए इस नीति में वोकेशनल स्टडीज, स्किल डेवलपमेंट, रिसर्च मैनेजमेंट, टैलेंट डेवलपमेंट जैसे हर उस पक्ष को उठाया गया है जो हमारी आगामी पीढ़ी, हमारे छात्रों को एक बेहतर मानव और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप मानव संपदा को तैयार करेगी।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर बात करते हुए निशंक ने कहा कि हमने इस दिशा में ‘शिक्षक पर्व, विजिटर कॉन्क्लेव, गवर्नर कॉन्क्लेव, एजुकेशन कॉन्क्लेव’जैसे तमाम कदम उठाए हैं। यह बेहद हर्ष की बात है कि नीति के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न संस्थान, राज्य व केंद्र शासित प्रदेश अपने-अपने स्तर पर टास्क फोर्स का गठन कर रहे हैं तथा नीति को सफल बनाने के लिए प्रभावी कदम बढ़ा चुके हैं।

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उन्होनें अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की प्रशंसा करते हुए कहा कि एएमयू भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन के लिए विभिन्न समितियों के गठन करके स्कूली शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक नीति से जुड़े प्रत्येक पक्ष को पूरी गंभीरता के साथ आगे बढ़ा रहा है।