Nirmala Sitharaman ने खारिज किया ममता बनर्जी का दावा, कहा- सबको दिया गया उचित समय

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नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) के इस दावे को खारिज कर दिया कि उनका माइक्रोफोन बंद था। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक (policy commission meeting) में हर मुख्यमंत्री को बोलने के लिए उचित समय दिया गया था।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं। हम सभी ने उनकी बात सुनी। हर मुख्यमंत्री को एक निर्धारित समय दिया गया था और यह स्क्रीन पर दिखाया गया था, जो हर टेबल के सामने मौजूद थी। हम देख सकते थे कि दो टेबल के सामने एक स्क्रीन थी। उन्होंने मीडिया में कहा कि उनका माइक बंद था। यह पूरी तरह से झूठ है। हर मुख्यमंत्री को बोलने के लिए उचित समय दिया गया था।

सीएम ममता को बनाई चाहिए सच्चाईः सीतारमण

सीतारमण ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इस तरह के दावे कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार खुश है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बैठक में शामिल हुईं और उन्होंने कहा कि वह विपक्ष यानी इंडिया ब्लॉक की ओर से बोल रही थीं। सीतारमण ने आगे कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री को आवंटित समय से अधिक का अनुरोध करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने बैठक से बाहर निकलने का बहाना बना लिया। वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें (ममता बनर्जी को) झूठ पर आधारित कहानी गढ़ने के बजाय इसके पीछे की सच्चाई बतानी चाहिए।

इससे पहले, केंद्र सरकार की तथ्य-जांच संस्था ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के माइक्रोफोन बंद होने के दावे को “भ्रामक” बताते हुए खारिज कर दिया था। प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के तहत गठित केंद्र द्वारा अधिसूचित संस्था पीआईबी फैक्ट चेक ने आज तथ्य जांच के आधार पर ममता बनर्जी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केवल घड़ी ही बता रही थी कि उनका बोलने का समय समाप्त हो गया था।

पीआईबी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह दावा किया जा रहा है कि नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था। यह दावा भ्रामक है। घड़ी ही बता रही थी कि उनका बोलने का समय समाप्त हो गया है। यहां तक ​​कि घंटी भी नहीं बजाई गई।

पीआईबी के अनुसार, अगर वर्णमाला क्रम में देखा जाए तो ममता बनर्जी के बोलने की बारी दोपहर के भोजन के बाद ही आती, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर मुख्यमंत्री को सातवें वक्ता के रूप में शामिल किया गया, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था।

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उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक बीच में ही छोड़कर चली गईं। बाहर आकर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए केंद्र सरकार पर राजनीतिक भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में उन्हें पांच मिनट से अधिक बोलने की अनुमति नहीं दी गई, जबकि अन्य मुख्यमंत्रियों को अधिक समय दिया गया।

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