कोलकाता: करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने आखिरकार उन शिक्षकों से पूछताछ शुरू कर दी है, जिन्हें कथित तौर पर रिश्वत लेकर अलग-अलग सरकारी स्कूलों में भर्ती किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को शुरू हुई पूछताछ रविवार को भी जारी है और अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगी। जिन व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है वे वे हैं जो सीबीआई अधिकारियों द्वारा प्राप्त रिकॉर्ड के अनुसार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण नहीं करने के बावजूद वर्तमान में विभिन्न स्कूलों में काम कर रहे हैं। हाल ही में, मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों को पैसे देकर नौकरी हासिल करने वाले उम्मीदवारों के प्रति नरम रुख अपनाने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय और सीबीआई और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालतों सहित विभिन्न स्तरों पर अदालतों के गुस्से का सामना करना पड़ा है। सूत्रों ने कहा कि इस मामले में अब तक जिन लोगों से पूछताछ की गई है, उनमें से कई ने दावा किया है कि उन्होंने संबंधित जिलों में बिचौलियों के जरिए से भर्ती अधिकारियों से संपर्क किया था।
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पिछले साल 23 जुलाई को, प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री व TMC के महासचिव पार्थ चटर्जी व उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को स्कूल भर्ती मामले में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था, जब केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मुखर्जी के आवासों से भारी नकदी बरामद की थी। ये दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और इन्हें जमानत पर रिहा कराने की इनके वकीलों की सारी कोशिशें बेकार साबित हो रही हैं। चटर्जी के अलावा, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के दो अन्य विधायक, माणिक भट्टाचार्य व जीबन कृष्ण साहा भी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भी हैं।
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