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महिला गैंग की मदद से भारत में प्रवेश कर रहा चाइनीज लहसुन

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सिलीगुड़ीः नेपाल के रास्ते चीनी (Chinese) लहसुन उत्तर बंगाल में प्रवेश कर रहा है। इसकी कमान एक महिला गिरोह के हाथ में है। यह महिला गिरोह सभी को रिश्वत देकर भारत-नेपाल सीमा से मेची नदी पार कर दूसरी तरफ प्रवेश करा रही है। लहसुन को छोटे-छोटे बोरों में भरकर पहले टोटो और फिर छोटे वाहनों से सिलीगुड़ी के बर्दवान रोड तक पहुंचाया जाता है। नक्सलबाड़ी, पानीटंकी इलाके की मूल निवासी कुछ महिलाएं इस गिरोह की मुख्य सदस्य हैं। इलाके के कुछ युवक भी इनके साथ शामिल हैं।

SSB की हो चुकी है झड़प

कुछ दिन पहले भी एसएसबी को ऐसे ही एक गिरोह से चीनी लहसुन बरामद करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। उस दिन एसएसबी 41वीं बटालियन के जवानों ने नक्सलबाड़ी थाने के रथखोला में छापेमारी कर दो पिकअप वैन से 300 बोरी चीनी लहसुन बरामद किया था। इसके बाद तस्कर गिरोह की एसएसबी से झड़प हो गई थी। इस संबंध में एसएसबी के एक अधिकारी का कहना है कि जब लहसुन से भरी दो पिकअप वैन को जब्त किया जाना था, तो स्थानीय महिलाओं ने आकर उन्हें रोक दिया। यहां तक ​​कि हमारे कुछ जवानों ने लहसुन की बोरी छीनकर भागने की कोशिश भी की। हालांकि, हमने लहसुन से लदे दो पिकअप वैन को जब्त कर कस्टम को सौंप दिया है।

एसएसबी ने शुक्रवार को नक्सलबाड़ी थाने में एक महिला समेत दो लोगों के खिलाफ काम में बाधा डालने की शिकायत भी दर्ज कराई है। ये सभी रथखोला के रहने वाले हैं। गौरतलब है कि शहर में लहसुन के फैलाव का केंद्र रेगुलेटेड मार्केट बनता जा रहा है। शुक्रवार की देर रात नेपाल सीमा से रेगुलेटेड मार्केट में प्रवेश करते समय प्रधाननगर थाने की पुलिस ने ऐसी ही एक पिकअप वैन को जब्त किया।

कैसे होती है Chinese लहसुन तस्करी

पिकअप वैन से करीब नौ टन लहसुन बरामद किया गया है। घटना में पुलिस ने चालक अविनाश महतो को गिरफ्तार किया है। वह क्रांति का रहने वाला है। सूत्रों के अनुसार रेगुलेटेड मार्केट के कुछ व्यवसायी मांग के अनुसार नेपाल के व्यवसायी को ऑर्डर भेज रहे हैं। इसके बाद व्यवसायी लहसुन को मेची नदी के पार भेज रहे हैं। नक्सलबाड़ी और पानीटंकी इलाके की महिला गिरोह लहसुन को अपने कब्जे में ले रही हैं।

रेगुलेटेड मार्केट के व्यवसायियों का एक हिस्सा पिकअप वैन को नेपाल सीमा में भेज रहा है। इसके बाद पिकअप वैन के जरिए यह सीधे रेगुलेटेड मार्केट पहुंच रहा है। कई बार लहसुन को चादर और पुआल से ढक दिया जाता है, ताकि किसी को आसानी से दिखाई न दे। प्रधाननगर थाने के आईसी वासुदेव सरकार ने बताया कि लहसुन पर कुछ लिखा नहीं होता कि यह कहां से आता है? सभी बिल्कुल एक जैसे दिखते हैं। इसलिए इसे पकड़ना आसान नहीं है। भारत में चीनी लहसुन प्रतिबंधित है, लेकिन इस लहसुन की काफी मांग है।

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इसलिए कुछ कारोबारी चीनी लहसुन के धंधे में लिप्त हैं। लहसुन आयात करने के बाद वे फर्जी रसीद बना रहे हैं, ताकि उसे मध्य प्रदेश या गुजरात का दिखाया जा सके। वहीं, सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के डीसीपी (पश्चिम) विश्वचंद ठाकुर ने बताया कि हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। यह चीनी लहसुन सिलीगुड़ी के बाजार में कैसे और कहां से आ रहा है।

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