कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने बुधवार को पूर्वी मिदनापुर जिले में एक पटाखा कारखाने में विस्फोट की एनआईए जांच के लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका की एनआईए जांच को स्वीकार कर लिया। बता दें कि धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई थी। खंडपीठ में मुख्य जस्टिस टी.एस. शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य शामिल है।
फैक्ट्री का मालिक कृष्णपद बाग उर्फ भानु सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का पूर्व पंचायत सदस्य है और फिलहाल फरार है। अधिकारी के वकील ने मामले में फास्ट-ट्रैक ट्रायल के लिए याचिका दायर की थी। इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई होने की संभावना है। इस बीच, मामले की जांच कर रहे पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने इस सिलसिले में दो लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार लोगों की पहचान तपन देबनाथ और देबसुंदर जाना के रूप में हुई है। राज्य पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों मुख्य रूप से एगरा की एक फैक्ट्री में पटाखे बनाने के लिए सामग्री की व्यवस्था करने के लिए जिम्मेदार थे।
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सीएम ने की मुआवजे की घोषणा
राज्य के राज्यपाल एगरा थाने के प्रभारी निरीक्षक मौसम चक्रवर्ती को पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी कर चुके हैं। इसी बीच कुछ स्थानीय लोगों ने पुलिस व मेडी वालों को सूचना दी है कि मंगलवार दोपहर हुए धमाके के तुरंत बाद मालिक भानु मोटरसाइकिल पर सवार होकर फरार हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मलिक भानुग घायल हो गया था और खून बह रहा था। पुलिस को संदेह है कि वह उड़ीसा भाग गया था, जो पश्चिम बंगाल की सीमा में है, जो विस्फोट स्थल से बमुश्किल तीन किलोमीटर दूर है। इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि भानु पश्चिम बंगाल के अलावा ओडिशा और बांग्लादेश में भी पटाखों के कारोबार से जुड़ा है। मुख्यमंत्री ममता ने पहले ही विस्फोट में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए 2.5 लाख रुपये और घायलों के लिए 1 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।
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