18 साल बाद पाकिस्तान दौरे पर पहुंचा न्यूजीलैंड, टीम से जुड़े इस दिग्गज खिलाड़ी को झेलनी पड़ी थी आतंकियों की गोली

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नई दिल्लीः न्यूजीलैंड की टीम 18 साल बाद कड़ी सुरक्षा के बीच पाकिस्तान पहुंची। पाकिस्तान दौरे पर पहुंची न्यूजीलैंड को यहां तीन वनडे और पांच टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों की सीरीज खेलना है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा जारी यात्रा कार्यक्रम के अनुसार, टॉम लैथम की अगुवाई वाली टीम शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच इस्लामाबाद हवाई अड्डे पर उतरी ।15 सितंबर से अभ्यास शुरू करने से पहले टीम को तीन दिन के आइसोलेशन में रहना होगा। वेस्टइंडीज, श्रीलंका और साउथ अफ्रीका जैसी टीमों के सफल दौरे के बाद अब एक और बड़ी टीम पाकिस्तान पहुंच गई है। हालांकि, न्यूजीलैंड की टीम कप्तान केन विलियमसन समेत अपने कई प्रमुख खिलाड़ियों के बिना ही इस सीरीज के लिए पहुंची है। केन विलियमसन समेत टी20 विश्व कप टीम से जुड़े ज्यादातर खिलाड़ी या तो आईपीएल का हिस्सा हैं या फिलहाल ब्रेक पर हैं।

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2003 में किया था पाकिस्तान का आखिरी दौरा

2002 में कराची में टीम होटल के बाहर बम विस्फोट के बाद में न्यूजीलैंड ने अपना पाकिस्तान दौरा छोड़ दिया था।
ब्लैक कैप्स ने 2003 में पांच वनडे मैच खेला था जो कि वह पाकिस्तान का आखिरी दौरा था। रावलपिंडी में 17, 19, 21 सितंबर को खेले जाने वाले तीन वनडे की गिनती आईसीसी वनडे सुपर लीग में नहीं होगी और इसे द्विपक्षीय सीरीज के तौर पर खेला जाएगा। पाकिस्तान के नौ मैचों में से चार जीत से 40 अंक हैं, वह तालिका में छठे स्थान पर है। न्यूजीलैंड ने तीनों मैच जीते हैं, 30 अंक जुटाए हैं और तालिका में दसवें स्थान पर है। तीन वनडे मैचों के बाद, न्यूजीलैंड पाकिस्तान के खिलाफ सितम्बर 25, 26, 29 अक्टुबर 1 और 3 को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में पांच टी20 मैच खेलेगा।

टीम से जुडे इस दिग्गज खिलाड़ी को लगी थी आतंकियों की गोली

बता दें कि इस सीरीज में न्यूजीलैंड की टीम ही वापसी नहीं कर रही,बल्कि एक ऐसे खिलाड़ी के लिए भी वापसी का मौका है, जो 2009 में लाहौर में हुई उस खौफनाक आतंकी वारदात की चपेट में आया था। दरअसल हम बात कर रहे है श्रीलंका के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज थिलन समरवीरा भी हैं। जो इस बार न्यूजीलैंड के बल्लेबाजी कोच के रूप में टीम के साथ पाकिस्तान की धरती पर कदम रखा। गौरतलब है कि जिस दिन गद्दाफी स्टेडियम की ओर जा रही श्रीलंकाई टीम पर आतंकियों ने जानलेवा हमला किया था, तब समरवीरा भी श्रीलंकाई टीम का हिस्सा थे और टीम बस में बैठे थे। आतंकियों की एक गोली उनकी जांघ में लग गई थी, जिसके बाद उनका इलाज किया गया। अब 12 साल बाद समरवीरा एक बार फिर उसी देश लौटे हैं।

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