New Year Destinations: घने जंगल.. पहाड़.. झरने.. प्राकृतिक खूबसूरती का खजाना है Khunti

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New Year Destinations: आमतौर पर जब छुट्टियों या नए साल के दौरान घूमने की बात आती है, तो लोग उत्तराखंड, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश आदि का रुख करते हैं, लेकिन अगर आप खूबसूरत झरनों, घने जंगलों, पहाड़ियों और अन्य प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं, तो एक बार झारखंड के खूंटी जिले में जरूर आइए।

राजधानी रांची से महज 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खूंटी जिला आपका सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल हो सकता है, जो हर तरह की प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। खूंटी जिले में आप हिरणों को चरते हुए देख सकते हैं, वहीं सैकड़ों फीट की ऊंचाई से गिरते झरने और घने जंगलों और पेड़-पौधों से भरी पहाड़ियों के बीच से गुजरती सर्पीली सड़कें आपका मन मोह लेंगी।

खूंटी के पर्यटक स्थल

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खूंटी में बिरसा हिरण विहार, दशम जलप्रपात, पंचघाघ जलप्रपात, पेरवांगाघ जलप्रपात, उल्लोंग जलप्रपात, पांडु पुडिंग, रानी फॉल, लुटरजंग डैम, पेलौल डैम, लतरातू जलाशय, सप्तधारा जैसे दर्जनों खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं, वहीं बाबा आम्रेश्वर धाम, माता सोनमेर मंदिर, माता नकटी देवी मंदिर, पाट पहाड़ बुढ़वा महादेव जैसे धार्मिक स्थल लोगों की अटूट आस्था के केंद्र हैं। वहीं, अमर शहीद भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू, वीर शहीद गया मुंडा की जन्मस्थली अतकेडीह, मारंगगोम के जयपाल सिंह का पैतृक गांव टकारा, क्रूरता का प्रतीक डोम्बार बुरू जैसे ऐतिहासिक स्थान ब्रिटिश भी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

दिसंबर और जनवरी माह में उमड़ते हैं यहां पर्यटक

वैसे तो खूंटी के पर्यटन स्थलों पर साल भर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन दिसंबर और जनवरी के महीने में इन जगहों पर पर्यटकों की भारी भीड़ होती है। लोगों को वाहन खड़ा करने तक की जगह नहीं मिलती।

स्थानीय लोगों को मिलता है रोजगार

खूंटी के पर्यटन स्थल खासकर पंचघाघ, पेरवांगाघ, रानी फॉल, लतरातू डैम, लतारजंग जलाशय स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का बेहतर जरिया बन गये हैं। पेरवांघाघ और पंचघाघ में लोग सिर्फ अपनी गाड़ियां पार्क करके ही लाखों रुपये कमाते हैं, साथ ही पर्यटक छोटे-छोटे होटलों से चना बादाम, मडुवा रोटी, इडली, बादाम, झाल मुरही, गुलगुला, घुस्का, बर्रा आदि स्थानीय खाद्य पदार्थों का आनंद लेते हैं।

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पर्यटक स्थलों का नहीं हुआ अपेक्षित विकास

जिले में पर्यटन स्थलों की भरमार है, लेकिन इन स्थलों का अपेक्षित विकास अब तक नहीं हो सका है. सड़कों की हालत भी नहीं सुधरी है। खूंटी के जाने-माने समाजवादी नेता और प्रखंड के उपप्रमुख सेवानिवृत्त मेजर जीतेंद्र कश्यम कहते हैं कि अगर खूंटी जिले के सभी पर्यटन स्थलों का विकास किया जाए तो स्थानीय लोगों को अच्छा रोजगार मिलेगा और पलायन भी रुकेगा। उन्होंने कहा कि खूंटी जिले में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं. इन्हें विकसित करने और पर्यटकों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरत है।

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