नई दिल्लीः चैत्र मास हिंदू पंचांग का पहला महीना होता है। चैत्र मास से ही नव संवत की भी शुरूआत होती है। 1 अप्रैल 2022 में अमावस्या के साथ संवत 2028 समाप्त हो जाएगा इसके बाद चैत्र नवरात्रि के साथ संवत 2029 प्रारंभ हो जाएगा। हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से ही भगवान ब्रह्म देव ने सृष्टि की रचना करना शुरू किया था। इसीलिए इस माह से हिंदू पंचांग का नव वर्ष माना जाता है। इस माह कई व्रत और त्योहार पड़ता है। इनमें नवरात्रि और रामनवमी का बड़ा ही विशेष महत्व है। रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इसके साथ ही इस माह गुड़ी पड़वा और एकादशी समेत कई और भी व्रत पड़ रहे हैं।
चैत्र माह 2022 में पड़ने वाले व्रत त्योहार
24 मार्च-शीतला एकादशी
25 मार्च-शीतला अष्टमी, कालाष्टमी
28 मार्च-पापमोचनी एकादशी व्रत
29 मार्च-प्रदोष व्रत और बुढ़वा मंगलवार
30 मार्च-मासिक शिवरात्रि।
1 अप्रैल-स्नान दान की अमावस्या, चैत्र अमावस्या
2 अप्रैल-चैत्र नवरात्रि प्रारंभ।
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3 अप्रैल-झूलेलाल जयंती, नवरात्रि का दूसरा दिन
4 अप्रैल-गौरी पूजा, नवरात्रि का तीसरा दिन
5 अप्रैल-वैनायकी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत, नवरात्रि का चैथा दिन।
6 अप्रैल-स्कंद षष्ठी, नवरात्रि का पांचवां दिन
7 अप्रैल-नवरात्रि का छठा दिन
8 अप्रैल-नवरात्रि का सातवां दिन
9 अप्रैल- दुर्गाष्टमी
10 अप्रैल-श्री राम नवमी
12 अप्रैल-कामदा एकादशी व्रत
14 अप्रैल-प्रदोष व्रत, महावीर जयंती
15 अप्रैल-गुड फ्राइडे
16 अप्रैल-चैत्र पूर्णिमा, हनुमान जयंती।
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