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पीएम मोदी बोले- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बच्चों में वैज्ञानिक स्वभाव को बढ़ावा देने में करेगी मदद

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2020 का मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन भी उपस्थित थे। इस अवसर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत के पास विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में एक समृद्ध विरासत है। विज्ञान और तकनीक तब तक अधूरी है, जब तब इसका लाभ और इस तक पहुंच हर किसी के लिए संभव न हो। बीते 6 साल में युवाओं को अवसरों से जोड़ने के लिए देश में विज्ञान औऱ तकनीक के इस्तेमाल का विस्तार किया है। विज्ञान व्यक्ति के अंदर के सामर्थ्य़ को बाहर लाता है। यही उत्साह हमने कोविड वैक्सीन में काम करने वाले वैज्ञानिकों में देखी है। हमारे वैज्ञानिकों ने कोरोना की जंग में हमें बेहतर स्थिति में रखा है।

उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने शोध की दिशा में अद्भुत काम किया है। वैश्विक समस्याओं को हल करने में हमारा तकनीकी उद्योग सबसे आगे रहा है लेकिन भारत का लक्ष्य बड़ा है। हम अतीत को गर्व के साथ देखते हैं लेकिन एक बेहतर भविष्य चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा वैज्ञानिक समुदाय वैश्विक प्रतिभाओं के साथ विकसित हो। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कम उम्र से वैज्ञानिक स्वभाव को बढ़ावा देने में मदद करेगी। आज भारत के शिक्षा में सुधार किए जा रहे हैं ताकि किताबी ज्ञान से आगे निकलकर जानने की भावना को बढ़ावा मिले। तीन दशक के बाद भारत को नई शिक्षा नीति मिली है। इसने शिक्षा क्षेत्र को बदल दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में पानी की कमी, प्रदूषण, मिट्टी की गुणवत्ता, खाद्य सुरक्षा जैसी कई चुनौतियां हैं, जिनके लिए आधुनिक विज्ञान के पास समाधान है। समुद्र में पानी, ऊर्जा और खाद्य संसाधनों की खोज में विज्ञान की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इसके लिए डीप ओशन मिशन चला रही है और उसने सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि विज्ञान में नए आविष्कारों का लाभ वाणिज्य और व्यापार में भी मिलता है। हमारे विज्ञान क्षेत्र में अच्छी प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए, सरकार ने विभिन्न स्तरों पर छात्रवृत्ति की घोषणा शुरू की है। लेकिन इसके लिए विज्ञान समुदाय के लोगों को भी आगे आऩा चाहिए।