बीपीएससी पेपर लीक मामले में खुल रही नई परतें, जांच एजेंसी के हाथ लगे कई सबूत

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पटनाः बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में जांच आगे बढ़ने के साथ ही कई परतें भी खुलने लगी हैं। जांच के बाद यह बात सामने आ चुकी है कि रविवार को परीक्षा प्रारंभ होने के करीब 15 मिनट पूर्व ही प्रश्न पत्र (सी सेट) कई मोबाइल के व्हाट्सएप तक पहुंच गया था। सूत्रों का दावा है कि बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक तक भी प्रश्न पत्र पहुंच गया था। सूत्रों की मानें, तो जांच टीम कई लोगों की पहचान कर पूछताछ कर रही है। इस सिलसिले में जांच एजेंसी ने कई जगहों पर छापेमारी भी की है, जहां से कई सबूत हाथ लगे हैं। कहा जा रहा है परीक्षा नियंत्रक को वायरल प्रश्न पत्र एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा भेजा गया था। उनका मकसद इसकी सत्यता की जांच करवाना था। पूरे मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के सूत्रों का मानना है कि इसमें संगठित गिरोह का हाथ हो सकता है।

बताया जा रहा है कि जांच टीम वॉट्सएप नंबर की कड़ियों को जोड़ने के प्रयास में जुटी है। पटना से भी चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। सूत्रों का दावा है कि जिन लोगो की जांच की जा रही है उसके मोबाइल फोन से प्रश्न पत्र डिलीट करने के सबूत भी मिले हैं। उल्लेखनीय है कि इस मामले में अब तक भोजपुर जिले के बडहरा के प्रखंड विकास अधिकारी (बीड़ीओ) एवं कुंवर सिंह कॉलेज के स्टैटिक दंडाधिकारी के रूप में तैनात जयवर्धन गुप्ता, कुंवर सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. योगेंद्र प्रसाद सिंह, कॉलेज के प्रोफेसर सह परीक्षा नियंत्रक सुशील कुमार सिंह और उसी कॉलेज के व्याख्याता सह सेंटर सुपरिन्टेंडेंट अगम कुमार सहाय को गिरफ्तार किया गया है।

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इस बीच बीपीएससी द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि भविष्य में कोई भी परीक्षा निजी कॉलेजों में आयोजित नहीं की जाएगी। आयोग ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि किसी भी स्तर की परीक्षा के लिए भविष्य में निजी कॉलेजों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। इधर, सूत्रों का कहना है कि कई अन्य कॉलेज भी जांच के दायरे में आए हैं। बताया जा रहा है कि जांच आगे बढ़ने के बाद ऐसे कॉलेजों के केंद्राधीक्षकों से पूछताछ की जा सकती है। सूत्र बताते हैं कि जांच टीम यह भी पता लगाने में जुटी है कि किस दिन प्रश्न पत्र सभी जिलों को भेजा गया था। सूत्रों का कहना है कि बीपीएससी के भी कई अधिकारी जांच के दायरे में हैं। जांच टीम उन सभी लोगों की जानकारी इकट्ठा कर रही है जो प्रश्नपत्र से जुड़े कार्य में जुटे थे।

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