Home उत्तर प्रदेश UP Cabinet : नई उच्चतर सेवा नियमावली को मंजूरी, शिक्षकों के लिए...

UP Cabinet : नई उच्चतर सेवा नियमावली को मंजूरी, शिक्षकों के लिए बदले नियम

rules-approved-in-up-cabinet

लखनऊः नई उच्चतर सेवा नियमावली 2024 के अनुसार, प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में नियमित रूप से नियुक्त एवं स्थायी रूप से तैनात शिक्षक अब 3 वर्ष की सेवा के बाद ही अपने स्थानांतरण का अनुरोध कर सकेंगे। पहले यह सीमा 5 वर्ष थी। नई नियमावली के तहत यह भी प्रावधान है कि शिक्षक अपने पूरे सेवाकाल में एक बार ही स्थानांतरण के हकदार होंगे। इस फैसले के पीछे योगी सरकार की मंशा यह है कि इसका शिक्षक समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

UP Cabinet : महिला शिक्षिकाओं को मिलेगी बड़ी राहत

इस नियमावली से महिला शिक्षिकाओं व अन्य शिक्षकों को काफी राहत मिलेगी, जो घर से दूर रहने के कारण दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। योगी सरकार के इस कदम को शिक्षा व्यवस्था में संतुलन व स्थायित्व बनाए रखने की दिशा में ठोस प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। अधिनियम-2023 के तहत नई व्यवस्था लागू योगी सरकार ने हाल ही में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम-2023 लागू किया है, जिसे 23 अगस्त 2023 को प्रख्यापित किया गया था। इस अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम-1980 को निरस्त कर दिया गया है, जिससे 1980 के अधिनियम के तहत जारी स्थानांतरण नियमावली स्वत: समाप्त हो गई है। इसके बाद 2005 में जारी नियमावली भी निरस्त हो गई है, जिससे नई नियमावली बनाने की जरूरत पैदा हुई।

फॉलो करने होंगे कुछ नियम

अधिनियम-2023 की धारा-31(1) के तहत शिक्षा सेवा में चयन की नई व्यवस्था लागू की गई है, जिससे शिक्षक समुदाय में स्थानांतरण की प्रक्रिया और सुगम हो जाएगी। इस नई व्यवस्था के तहत शिक्षक अपने कॉलेज और विश्वविद्यालय के प्रबंधन की मंजूरी से ही तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिसे निदेशक, उच्च शिक्षा को जमा करना होगा। तबादला प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो गई है। इस नए नियम के तहत शिक्षकों को एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में एकल या पारस्परिक तबादला करने के लिए नियत आवेदन प्रक्रिया का पालन करना होगा। आवेदन पत्र संबंधित कॉलेज के प्रबंधन के माध्यम से जमा किया जाएगा, जिसे विश्वविद्यालय अनुमोदित करेगा। प्रबंधन की सहमति के बाद ही आवेदन को निदेशक, उच्च शिक्षा को भेजा जा सकेगा।

शिक्षक ही नहीं छात्रों को भी होगा लाभ

इससे तबादला प्रक्रिया में पारदर्शिता और स्पष्टता आएगी, साथ ही अनावश्यक देरी से भी बचा जा सकेगा। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह फैसला शिक्षकों की व्यावसायिक संतुष्टि बढ़ाने में मददगार होगा। साथ ही यह कदम शिक्षा क्षेत्र में महिला सशक्तीकरण का उद्देश्य भी पूरा करता है, क्योंकि इससे उन महिला शिक्षकों को लाभ होगा, जो अपने परिवार से दूर रहकर सेवा करने को मजबूर हैं शिक्षण कार्य में आएगी अधिक समर्पण और प्रतिबद्धता उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि इस नियम के लागू होने के बाद शिक्षकों को अपने गृह जिले में लौटने का अवसर मिलेगा, जिससे शिक्षण कार्य में अधिक समर्पण और प्रतिबद्धता आएगी।

यह भी पढ़ेंः-CM योगी के बयान पर डिंपल यादव का तगड़ा जवाब, जानें उपचुनाव से पहले क्या कुछ कहा…

इससे न केवल कार्यस्थल पर शिक्षकों की संतुष्टि का स्तर बढ़ेगा, बल्कि छात्रों को भी लाभ होगा, क्योंकि शिक्षक अधिक सहजता और संतुष्टि के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि योगी सरकार द्वारा सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों के स्थानांतरण नियमावली में किए गए इस बदलाव का राज्य के शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

Exit mobile version