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रूसी सेना में 200 से अधिक नेपाली युवाओं की भर्ती, जानें क्यों अपना मुल्क छोड़ रूस-यूक्रेन युद्ध लड़ रहे गोरखा ?

Nepal-Soldiers-Join-Russian-Army काठमांडूः नेपाल (Nepal ) के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने रूसी सेना में नेपाली युवाओं के शामिल होने पर चौंकाने वाला खुलासा किया है। दरअसल, प्रधानमंत्री ने यह खुलासा पिछले हफ्ते रूसी सेना के खिलाफ लड़ते हुए 6 नेपाली युवाओं की मौत की खबर के बाद किया है। सोमवार को माओवादी पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा कि सरकार के पास रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद 200 से अधिक नेपाली युवाओं के रूसी सेना में शामिल होने की जानकारी है।

रूस-यूक्रेन युद्ध लड़ते हुए 06 नेपाली युवाओं की हुई मौत

नेपाल के पीएम ने कहा कि सरकार ने इस मामले की जांच के भी आदेश दिये हैं। हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना की ओर से लड़ते हुए 06 नेपाली युवाओं की मौत की खबर के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। पुलिस ने इस मामले में 50 से ज्यादा पासपोर्ट समेत करीब एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार भी किया है। प्रधानमंत्री प्रचंड ने आगे कहा कि नेपाली नागरिकों को भारत और ब्रिटेन के अलावा किसी भी देश की सेना में शामिल होने की इजाजत नहीं है। लेकिन अभी भी 200 से ज्यादा नेपाली युवा रूसी सेना में शामिल होकर यूक्रेन के साथ युद्ध में लड़ रहे हैं।

नेपाली नागरिकों के वापसी कर रही सरकार

इस संबंध में सरकार रूसी प्रशासन और काठमांडू में रूसी राजदूत के साथ समन्वय करके नेपाली नागरिकों की वापसी के प्रयास कर रही है। प्रचंड ने कहा कि विदेश मंत्रालय रूसी प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है और उसने नेपाली नागरिकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता से उन्हें अवगत कराया है। प्रचंड ने यह भी खुलासा किया कि रूस की ओर से लड़ने वाले कई नेपाली नागरिक वर्तमान में यूक्रेन में कैदियों के रूप में रह रहे हैं। ये भी पढ़ें..ईरान की कड़ी कार्रवाई, 13 हजार से ज्यादा अवैध अफगान प्रवासियों को देश से निकाला उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान जो रूसी सैनिक यूक्रेन की सीमा में घुस आये थे और जिन्हें यूक्रेन ने पकड़ लिया है, उनमें नेपाली (Nepal ) नागरिक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षित रिहाई के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं। प्रचंड ने कहा कि इसके लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ-साथ यूक्रेन सरकार से भी जेल में बंद नेपाली नागरिकों की रिहाई के लिए औपचारिक अनुरोध किया गया है।

क्यों अपना देश छोड़कर जातें है नेपाली

बता दें कि नेपाल के सैनिक दूसरे देशों की सेनाओं में शामिल होने में बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाते, वे नेपाल की ओर से और स्वेच्छा से दूसरे देशों की सेनाओं में शामिल होते हैं। इस परंपरा के कई कारण हैं। चूंकि नेपाल का इतिहास कई युद्धों से भरा पड़ा है इसलिए यहां के लोगों में मार्शल का एक अलग ही स्थान है। कई रियासतों के बीच युद्ध के बाद आधुनिक नेपाल का उदय हुआ। घरेलू युद्धों के अलावा नेपालियों ने तिब्बत और चीन के युद्धों में भी अपनी ताकत दिखाई है, जबकि 1815 के बाद हुए सभी युद्धों में ब्रिटिशों की ओर से नेपाली गोरखा शामिल रहे हैं। भारत की आजादी के बाद भारत का भी कुछ ऐसा ही इतिहास रहा है। सेना में शामिल होना यहां के युवाओं के लिए रोजगार का बहुत अच्छा अवसर है। इसकी एक बड़ी वजह ये है कि नेपाल में इन जवानों के लिए कोई खास विकल्प नहीं है। नेपाली सेना में बेरोजगारी, कम वेतन, नौकरियों की कमी जैसी समस्याएं भी इसका एक और कारण हैं। नेपाली सैनिक बिना किसी विचारधारा के किसी भी देश की सेना से लड़ते देखे जा सकते हैं। अगर इन जवानों को सम्मान और अच्छी सैलरी मिले। इसीलिए हम देख रहे हैं कि यूक्रेन और रूस दोनों की सेनाओं में नेपाली युवा लड़ रहे हैं। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)