Nepal: दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के खिलाफ कोर्ट जांच के आदेश, 4 पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी

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Nepal Land scam

काठमांडूः नेपाल (Nepal) के चर्चित ललिता निवास जमीन घोटाले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। इस जमीन घोटाले में अब तक पकड़े गए अभियुक्तों की जमानत पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दो पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल और डॉ. बाबूराम भट्टराई की भूमिका की भी जांच होगी।

सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने पुलिस को इस घोटाले में न सिर्फ दो पूर्व प्रधानमंत्रियों बल्कि उनके कार्यकाल के दौरान सरकार के मुख्य सचिव और विभागीय मंत्रियों की भूमिका की जांच करने का आदेश जारी किया है। इस बीच, इस भूमि घोटाले में शामिल होने के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे पूर्व मंत्रियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं।

भूमि घोटाले की जांच कर रही CIB

भूमि घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CIB) ने पूर्व उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री विजय कुमार गच्छदार, पूर्व मंत्री डंबर बहादुर श्रेष्ठ, चंद्रदेव जोशी और संजय कुमार साह के खिलाफ जिला अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी कराया है। ललिता निवास भूमि घोटाला जानबूझकर किए गए नीतिगत भ्रष्टाचार का मामला है जिसमें पूरी सरकारी मशीनरी कुछ व्यापारिक लोगों के निजी हितों में शामिल थी। इतना ही नहीं इस पूरे जमीन घोटाले को अंजाम देने के लिए कई मंत्रालयों के सचिव से लेकर मंत्री तक और मुख्य सचिव से लेकर प्रधानमंत्री तक शामिल हैं।

काठमांडू शहर के बीचों बीच प्रधानमंत्री निवास के आसपास की करीब 1.5 लाख स्क्वायर मीटर सरकारी जमीन को फर्जी दावेदार बनाकर कैबिनेट के फैसले द्वारा पहले उसका निजीकरण किया गया और बाद में महंगे दामों में विभिन्न व्यापारिक घरानों को बेच दिया गया। चूंकि यह फैसला दो अलग-अलग सरकारों की कैबिनेट से हुआ इसलिए यह ऐसा भ्रष्टाचार है जिसमें पूरा सरकारी तंत्र, मंत्री, सचिव,मंत्रालय, विभाग, प्रधानमंत्री और मुख्य सचिव तक की सहभागिता है।

सचिव व पूर्व सचिवों को हिरासत में लिया गया

नेपाल (Nepal) के सबसे बड़े घोटालों में से एक माने जाने वाले ललिता निवास भूमि घोटाले में पूर्व उपप्रधानमंत्री, कई मंत्रियों, सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारियों और बड़े व्यापारिक घरानों के लोगों के खिलाफ विशेष अदालत में अभी भी मुकदमा चल रहा है। इस बार सरकार ने एक सचिव समेत कुछ पूर्व सचिवों को हिरासत में ले लिया है। नेपाल के सबसे बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर भटभटेनी के मालिक मीन बहादुर गुरुंग भी हिरासत में हैं। इस घोटाले में जिन अन्य कारोबारियों के नाम शामिल हैं वे सभी फरार हैं।

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