NEET UG 2025: केंद्र सरकार NEET यूजी परीक्षा को लेकर विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें लागू करने जा रही है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में जानकारी दे दी है। हालांकि, केंद्र की इस जानकारी के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई तीन महीने के लिए टाल दी। मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।
दरअसल, आज सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और सरकार उस रिपोर्ट की सभी सिफारिशें लागू करेगी। मेहता ने इसके लिए समय की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई तीन महीने के लिए टाल दी।
NEET UG 2025: 7 सदस्यीय समिति हुई थी गठित
बता दें कि देश में पिछले साल आयोजित मेडिकल स्नातक प्रवेश परीक्षा NEET UG 2024 में हुई गड़बड़ियों के बाद काफी हंगामा हुआ था। नीट यूजी 2024 विवाद के बाद राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की समीक्षा के लिए पूर्व इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय समिति गठित की गई थी। नीट यूजी 2024 पेपर लीक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2 अगस्त 2024 को नीट परीक्षा दोबारा कराने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी।
NEET UG 2025: क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नीट परीक्षा में कोई व्यवस्थित उल्लंघन नहीं हुआ है। पेपर लीक सिर्फ पटना और हजारीबाग में हुआ था। साथ ही कोर्ट के आदेश पर एनटीए ने नीट यूजी का संशोधित रिजल्ट जारी किया था। इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा था कि हमने सरकार द्वारा नियुक्त समिति के कार्यक्षेत्र को तय कर दिया है।
इसके दायरे में परीक्षा सुरक्षा और मानक संचालन प्रक्रियाएं तय करनी होंगी, जिसमें परीक्षा केंद्रों के आवंटन की प्रक्रिया की समीक्षा, परीक्षा केंद्रों की CCTV निगरानी, पेपर में किसी तरह की छेड़छाड़ न हो यह सुनिश्चित करना और शिकायतों के निवारण की व्यवस्था करना शामिल है। साथ ही खुले ई-रिक्शा की जगह रियल टाइम इलेक्ट्रॉनिक लॉक सिस्टम वाले बंद वाहन में पेपर भेजने की व्यवस्था पर विचार किया जाना चाहिए।
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क्या हैं समिति की सिफारिशें?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, समिति ने अपनी सिफारिश में कहा कि परीक्षा हाइब्रिड और ऑनलाइन मोड में आयोजित की जानी चाहिए। जहां पूरी ऑनलाइन परीक्षा चुनौतीपूर्ण है, वहां हाइब्रिड मोड में परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए। इससे पेपर लीक जैसी घटनाओं पर लगाम लगेगी। वहीं, संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तरह पैनल ने नीट यूजी परीक्षा भी दो चरणों में आयोजित करने की सिफारिश की है।