सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- यूट्यूबर मनीष कश्यप पर एनएसए लगाने की जरूरत क्यों पड़ी

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- यूट्यूबर मनीष कश्यप पर एनएसए लगाने की जरूरत क्यों पड़ी सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत तमिलनाडु में दर्ज मामले को निरस्त करने की मांग पर तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने तमिलनाडु सरकार से पूछा कि एनएसए लगाने की क्या जरूरत पड़ी।

कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि एनएसए क्यों लगाया गया है। तब सिब्बल ने कहा कि मनीष कश्यप के सोशल मीडिया पर करीब साठ लाख फॉलोवर्स हैं। मनीष कश्यप के वीडियो ने प्रवासी मजदूरों में भय पैदा कर दिया। मनीष कश्यप पत्रकार नहीं हैं बल्कि वो एक राजनीतिक एजेंडे के तहत काम करते हैं।

11 अप्रैल को कोर्ट ने केंद्र, बिहार और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया था। छह अप्रैल को मनीष कश्यप की ओर से पेश वकील ने कहा था कि कई एफआईआर के अलावा उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून भी लगाया गया है। तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वकील संजय हेगड़े ने कहा था कि आरोपित को मजिस्ट्रेट के आदेश पर हिरासत में लिया गया है। मनीष कश्यप पर न्यायिक आदेश के तहत हिरासत में है तो रिट याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती है।

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मनीष ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अंतरिम जमानत दिए जाने और उसके खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज केसों को एक साथ जोड़ने की भी बात रखी है। दरअसल तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमले का फर्जी वीडियो शेयर करने मामले में आरोपित मनीष कश्यप अभी तमिलनाडु पुलिस की हिरासत में है। तमिलनाडु पुलिस की टीम कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट लेकर उसे अपने साथ ले गई थी।

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