कानपुरः बढ़ती गर्मी और लू का प्रकोप आम लोगों के लिए सहनीय होगा। लेकिन छोटे बच्चों, बुजुर्गों और गंभीर मरीजों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में लोगों से अपील है कि धूप में जाने से बचें। मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस.एन. चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के सुनील पांडे ने रविवार को बताया कि अब गर्मी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही लू और गर्मी का प्रकोप भी शुरू हो गया है।
मजदूर, औद्योगिक श्रमिक, खनन श्रमिक, किसान जो तेज धूप में लंबे समय तक काम करते हैं, उनके निर्जलीकरण और हीटस्ट्रोक से पीड़ित होने की संभावना है। इसके साथ ही पशुधन, खड़ी फसलों, कृषि और बागवानी फसलों पर भी गर्मी का मामूली प्रभाव पड़ेगा।
लू एवं निर्जलीकरण से बचाव के उपाय
डॉ.पांडे ने गर्मी और लू से बचाव के लिए इन दिनों में दोपहर में ज्यादा देर तक धूप में रहने से बचने की सलाह दी है। इसके साथ ही हल्के रंग के और ढीले तथा पूरी तरह से सूती कपड़े पहनें, धूप में जाते समय अपने सिर को सूती कपड़े से ढकें या टोपी या छाते से खुद को ढक लें।
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निर्जलीकरण से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पियें। खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए ओआरएस का घोल बनाकर पिएं। घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, तोरानी, चावल का पानी, नींबू पानी और छाछ आदि का उपयोग करें। खड़ी फसल वाले खेतों में नमी बनाए रखने के लिए शाम के समय खेतों में पानी दें।
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