कोलकाताः पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान की आपदा से निपटने के लिए बंगाल में एनडीआरएफ की 10 और टीमों की तैनाती की गयी है। इस तरह से आपदा से निपटने के लिए कुल 45 टीम तैनात की गई है। इसके साथ ही एनडीआरएफ प्रमुख एसएन प्रधान ने अधिकारियों से आसन्न प्राकृतिक आपदा के लिए जरूरत से अधिक तैयारी का दृष्टिकोण अपनाने और कम जोखिम वाले स्थानों से भी लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आग्रह किया है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में बारिश शुरू हो गई है। यह चक्रवाती तूफान 26 मई की सुबह ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों के नजदीक पहुंच जाएगा। मौसम विभाग के मुताबिक 26 मई की दोपहर को ये ‘बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान’ के रूप में पारादीप और सागर आइलैंड को बालासोर के करीब क्रॉस करेगा।
दूसरी ओर, एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट (दूसरी बटालियन) ने कहा कि पूर्वी मिदनापुर में पांच टीमें और दीघा में दो टीमें तैनात हैं दीघा में लोगों को निकालने का काम शुरू हो गया है और अस्थायी आश्रयों में रखा जा रहा है, जबकि स्थायी घरों में रहने वालों को चक्रवात के मद्देनजर आवश्यक सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। पूर्वी मेदिनीपुर जिले के दीघा में तूफान के आने से पहले एनडीआरएफ ने लोगों को जोखिम वाले क्षेत्रों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
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एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर राजकुमार ने कहा कि हम लोगों को तूफान से खुद को बचने की जानकारी दे रहे हैं। हमने अब तक लगभग 50 लोगों को निकाला है और उन्हें चक्रवात केंद्रों में शिफ्ट किया है। उन्होंने कहा कि यदि पूर्वानुमान 150 किमी प्रति घंटे के एक बहुत गंभीर चक्रवात के लिए है, तो आपको एक अत्यंत गंभीर चक्रवात के लिए तैयार रहना चाहिए।