मुंबईः मुंबई की विशेष पीएमएलए कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) कस्टडी 7 मार्च तक बढ़ाए जाने का आदेश जारी किया। नवाब मलिक की कस्टडी गुरुवार को खत्म होने के बाद उन्हें ईडी ने मेडिकल करवाकर विशेष कोर्ट में पेश किया था। ईडी की ओर से पेश वकील अनिल सिंह ने कोर्ट को बताया कि नवाब मलिक ने कुर्ला में जमीन खरीदने के लिए दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर को पांच लाख रुपये दिए थे। इस संबंध में हसीना पारकर के बेटे का बयान दर्ज किया गया है।
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ईडी के वकील ने यह भी बताया कि नवाब मलिक ने एक और व्यक्ति की जमीन जबरन कब्जा किया है। अनिल सिंह ने कोर्ट को बताया कि नवाब मलिक 25 फरवरी से 28 फरवरी तक बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती थे, इसलिए जांच पूरी नहीं हो सकी है। साथ ही अनिल सिंह ने कोर्ट में 1992-93 में मुंबई में हुए दंगे तथा बम विस्फोट के समय की कांफिडेंशियल रिपोर्ट भी पेश की। अनिल सिंह ने कोर्ट में कहा कि नवाब मलिक को छह दिन तक और ईडी कस्टडी दी जानी चाहिए।
जवाब में नवाब मलिक के वकील अमित देसाई ने याद दिलाया कि पहले ईडी ने कहा था कि नवाब मलिक ने हसीना पारकर को 55 लाख रुपये दिए थे। आज पांच लाख रुपये बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नवाब मलिक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, इसलिए उनकी छवि को खराब करने के लिए राजनीतिक दुश्मनी की वजह से उन्हें दाऊद इब्राहिम के साथी के साथ जमीन खरीदी मामले में फंसाया जा रहा है। अमित देसाई ने कहा कि ईडी- जांच की सारी खबर मीडिया में इसी वजह से लीक की जा रही हैं। अमित देसाई ने नवाब मलिक को तत्काल जमानत दिए जाने की मांग की। हालांकि, विशेष कोर्ट ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद नवाब मलिक को सात मार्च तक ईडी कस्टडी में भेजने का आदेश जारी किया।
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