नई दिल्लीः पाकिस्तान से जीत के 50 साल पूरे होने पर मनाये जा रहे ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ पर भारतीय नौसेना ने हुगली नदी पर एक सामरिक अभ्यास का प्रदर्शन किया। इस शानदार अभ्यास में नौसेना की परिसम्पत्तियों को दर्शाने के साथ नौसैनिकों ने अपने समुद्री शौर्य का प्रदर्शन किया। हेलीकॉप्टरों ने दर्शकों के लिए हेलिबेटिक्स का प्रदर्शन करते हुए अपने हवाई जौहर दिखाए। समापन समारोह में आसमान को रोशन करते हुए विभिन्न रंगों से परिपूर्ण गोलीबारी की गई।
हुगली नदी पर तीव्र गति के साथ तैरती चार सशस्त्र नौसेनिक पेट्रोल बोटों के स्टीमपास्ट के साथ इस सामरिक अभ्यास प्रदर्शन का शुभारंभ हुआ। इस सामरिक अभ्यास में दो वॉटरजेट फास्ट अटैक क्राफ्ट (डब्ल्यूजेएफएसी), चार नेवी पेट्रोल बोट, एक-एक सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टर, एक मरीन कमांडो (एमएआरसीओएस) टीम और एक तटरक्षक एयर कुशन वैसल (सीजी एसीवी) ने सामरिक रूप से अपनी क्षमता और शौर्य का प्रदर्शन किया। इसमें हल्दिया से परिचालित सीजी एसीवी ने हुगली नदी में अद्वितीय युद्धाभ्यास का प्रदर्शन किया। इसके बाद डब्ल्यूजेएफएसी ने नदी के भीतर सटीक नौसैनिक युद्धाभ्यास को अंजाम देते हुए नदी के बीच में ही लंगर भी डाला।
समुद्री विमान सी किंग और चेतक हेलिकॉप्टरों ने आसमान में अपनी शानदार उड़ान के करतब दिखाए। फिर चेतक ने नदी में डूबते हुए एक व्यक्ति के बचाव का डेमो दिखाते हुए ‘खोज और बचाव’ अभियान को अंजाम दिया। इसके बाद दोनों हेलीकॉप्टरों ने दर्शकों के लिए हेलिबेटिक्स का प्रदर्शन करते हुए अपने हवाई जौहर दिखाए। मार्कोस ने एक कब्जाए हुए क्षेत्र में तेजी से प्रवेश करते हुए सी किंग से जेमिनी असॉल्ट वाटरक्राफ्ट पर एक डेमो समुद्र तटीय हमले को अंजाम देने के अपने कौशल का प्रदर्शन किया। इसके बाद सी किंग ने एसटीआईई (स्मॉल टीम इंसर्शन एंड एक्सट्रैक्शन) नामक युद्ध तकनीक का प्रयोग करते हुए त्वरित गति से कमांडो को हेलीकॉप्टर से एक विशेष रस्सी के माध्यम से लटककर नीचे उतरते हुए कार्रवाई को अंजाम दिया।
पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल एबी सिंह ने मुख्य अतिथि के सम्मान में अपने चेतक हेलिकाप्टर से आसमान में विशेष कौशल का प्रदर्शन किया। उन्होंने नदी से समुद्री क्षेत्र में प्रवेश जैसे अविस्मरणीय अभ्यास को अंजाम दिया। अंत में तीव्र गति से संचालित नौसेना की पेट्रोल बोटों द्वारा सलामी दी गई। फिर नौसेना बैंड के देशभक्ति पूर्ण संगीत ने समारोह में उपस्थित जनसमूह को उत्साह से भर दिया। सामरिक संचालन का समापन सूर्यास्त समारोह के साथ हुआ, जिसमें बाबू घाट और नदी के बीच नौसेना के लंगर डाले नौसैनिक पोतों और ठिकानों से आसमान को रोशन करते हुए विभिन्न रंगों से परिपूर्ण गोलीबारी की गई। हुगली नदी के आसमान में शानदार आतिशबाजी के साथ ’समुद्री विरासत प्रदर्शन’ का समापन हुआ। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
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यह पहला मौका था जब कोलकाता की हुगली नदी में नौसेना के पोतों, पेट्रोल बोटों, विमानों और एक सीजी होवरक्राफ्ट को शामिल करते हुए इस तरह का आयोजन किया गया था। कोलकाता में हुगली नदी के तट पर आयोजित हुए इस तरह के पहले ऐतिहासिक और अनोखे समारोह का साक्षी बनने के लिए तीनों सेवाओं के सशस्त्र बल कर्मी, बच्चे और एनसीसी कैडेटों सहित आम लोग भी शामिल हुए। इस समारोह में दिखाए गए अद्वितीय शौर्य और समर्पण ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।