सरकारी स्कूलों की पुस्तकों में राष्ट्रगान से ‘उत्कल बंग’ गायब, कांग्रेस ने सरकार काे घेरा

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कौशांबीः परिषदीय विद्यालयों में शासन से आई पाठ्य पुस्तक बच्चों के पास पहुंचते ही विवाद के घेरे में आ गई है। पाठ्य पुस्तक के पीछे छपे राष्ट्रगान की पंक्तियों से उत्कल और बंग प्रांत गायब है। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाकर भाजपा के खिलाफ आंदोलन की बात कही है, जबकि बीएसए प्रकाश सिंह ने ‘उत्कल व बंग’ के गायब होने का कारण प्रिंटिंग की त्रुटि बताया है। बीएसए ने बताया कि जनपद कौशाम्बी में 1089 परिषदीय विद्यालय है, जिनमें करीब कक्षा 1 से 8 तक एक लाख 82 हजार छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते हैं। परिषदीय स्कूल में सत्र तो अप्रैल माह में सही समय पर शुरू हुआ था। इसके बाद भी शासन ने पाठ्य पुस्तकें बच्चों तक पहुंचाने में देरी की।

अभी तक बच्चे पुरानी किताबों के सहारे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर थे। पिछले दिनों शासन से मुख्यालय आई पाठ्य पुस्तकों का वितरण कराया गया। नई पाठ्य-पुस्तक पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे। नई किताबों के आकर्षण से बच्चों में शिक्षा के प्रति नई ऊर्जा का संचार हुआ। लेकिन पाठ्य-पुस्तकों के पीछे छपी राष्ट्रगान की पक्तियां देख बच्चे अभिभावक एवं अध्यापक दंग रह गए। कक्षा पांचवीं के विद्यार्थियों के लिए हिंदी विषय में ‘‘वाटिका‘‘ पुस्तक संचालित है। इस पुस्तक के अंतिम पृष्ठ पर राष्ट्रगान लिखा है, जो अधूरा है। राष्ट्रगान की तीसरी लाइन पंजाब-सिंध-गुजरात-मराठा-द्राविड़…… इसके बाद की लाइन नहीं है। इसके बाद सीधे पांचवीं लाइन विंध्य-हिमाचल-यमुना-गंगा…से शुरू है। यह गलती एक दो किताबों में नहीं, बल्कि पांचवीं की सभी किताबों में है। इसकी जानकारी बच्चों के अभिभावकों के जरिये राजनैतिक दल को हुई, जिसके बाद मामले पर सियासत गर्म हो गई है।

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कांग्रेस इसे भाजपा सरकार की सोची-समझी राजनीति का हिस्सा बता रही है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरुण विद्यार्थी ने बताया कि भाजपा बंगाल हार का दर्द भुला नहीं पा रही। इस कारण उसने राष्ट्रगान की पंक्तियों से उत्कल और बंग राज्य का नाम जान-बूझ कर नहीं छपवाया। वह इस पर आंदोलन चलाएंगे। इस मामले में बीएसए प्रकाश सिंह ने बताया, किताब में राष्ट्रगान की लाइन में गलती हुई है। आम तौर पर यह प्रिंट की गड़बड़ी मानी जाती है, लेकिन राष्ट्रगान में ऐसा हुआ है तो इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।

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