Nepal: सहकारी घोटाला कांड में फंसे गृहमंत्री के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन, इस्तीफे की मांग

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Kathmandu : सहकारिता घोटाले में फंसे गृह मंत्री रवि लामिछाने (Rabi Lamichhane) के खिलाफ रविवार को काठमांडू समेत देश के कई प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने लामिछाने के इस्तीफे की मांग करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए। मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।

सड़कों पर लगाया जाम

राजधानी के रत्नापार्क से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन मैतीघर मंडला में सभा में तब्दील हो गया। इस विरोध प्रदर्शन के कारण पूरे काठमांडू में सड़कों पर ट्रैफिक जाम हो गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं ने गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की और सरकार से एक संसदीय समिति के गठन की भी मांग की।

काठमांडू के अलावा पोखरा, धरान, भैरहवा, लुंबिनी, चितवन, नवलपरासी से भी गृह मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं। इन सभी जगहों पर सहकारी बैंकों के पीड़ितों ने प्रदर्शन किया, जिसे विपक्षी दलों का भी समर्थन मिला। सहकारी पीड़ितों ने अपनी बचत वापस करने और रवि लामिछाने के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने सहकारी के पैसे का दुरुपयोग किया और अपने मीडिया में अवैध रूप से निवेश किया। सहकारिता पीड़ितों ने गृह मंत्री के इस्तीफे और जांच कमेटी के गठन की भी मांग की है।

‘आर्थिक सर्वेक्षण’ बिना चर्चा के पास हो गया

प्रतिनिधि सभा में विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सरकार ने रविवार को ‘आर्थिक सर्वेक्षण’ पारित करा लिया। प्रतिनिधि सभा की बैठक शुरू होते ही विपक्षी दल के सांसद वेल के सामने खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे।

नेपाली कांग्रेस के सांसद गृह मंत्री रवि लामिछाने के इस्तीफे की मांग को लेकर नारे लगा रहे थे। विपक्षी दलों की नारेबाजी और विरोध के बीच विधानसभा अध्यक्ष देवराज घिमिरे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनिमत से बहुमत से पारित घोषित कर दिया गया।

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विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद वित्त मंत्री ने बजट से पहले पेश होने वाला सरकार का आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया। वित्त मंत्री वर्षमान पुन को सदन तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। विपक्षी सांसदों से नोकझोंक के बाद पहुंचे वित्त मंत्री ने सरकार का आगामी आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया, जिसे बिना चर्चा के पारित कर दिया गया।

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