भोपालः हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए 10 जून को होने वाली वोटिंग को लेकर सियासी घमासन तेज हो गया है। चुनाव से पहले कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है, इसलिए कांग्रेस के विधायक गुरुवार शाम से ही रायपुर में हैं। इन विधायकों के समन्वय की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को दी गई है। बताया जा रहा है कि कमलनाथ विधायकों से मुलाकात कर उन्हें वोटिंग और दूसरी जानकारी देंगे। हरियाणा के विधायकों के छत्तीसगढ़ भेजे जाने पर एमपी में भी सियासत शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूरे राजनीतिक घटनाक्रम पर तंज कसा है।
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने हरियाणा के विधायकों के समन्वय की जिम्मेदारी कमलनाथ को देने पर चुटकी ली है। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए 2018 के राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए शायराना अंदाज में कहा कि “अपनी बिगड़ी बना ना सके हम और जमाने भर के घड़ी साज रहे। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में सक्रिय कमलनाथ जी पर उपरोक्त पंक्तियां एकदम सटीक बैठती हैं। इस दौरान कश्मीर मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं की चुप्पी पर निशाना साधते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा कि देशहित से जुड़े हर मुद्दे पर सवाल खड़ा करने वाली कांग्रेस कश्मीर घाटी में हिंदुओं की हत्या पर क्यों चुप है? कश्मीर में आतंकवादियों के द्वारा की जा रही हत्याओं की निंदा नहीं करने से कांग्रेस का दोहरा चरित्र फिर उजागर हो गया है। प्रधानमंत्री जी पर सवाल खड़े कर कांग्रेसी आतंकवादियों के विरोध की नैतिक जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।
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इसके अलावा सज्जन सिंह वर्मा के जिन्ना वाले बयान पर उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि सोनिया राहुल को बताना चाहिए कि जिन्ना का सज्जन रिश्ता क्या है। उन्होंने कहा कि सज्जन सिंह वर्मा का धन्यवाद उन्होंने सच्चाई बता दी कि देश विभाजन के लिए अकेले जिन्ना ही नहीं नेहरू भी जिम्मेदार थे।
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