सीएम की दो टूक-सार्वजनिक स्थलों पर नहीं पढ़ने दी जाएगी नमाज

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गुरुग्रामः लंबे समय से शहर में खुले में नमाज अता करने के विवाद के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी साफ कहा है कि सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी सूरत में नमाज नहीं पढ़ने दी जाएगी। नमाज के नाम पर माहौल खराब नहीं होने दिया जाएगा। शुक्रवार देर सायं यहां मुख्यमंत्री ने यह बात कही।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर खुले में नमाज पढ़ना सहन नहीं किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पुलिस आयुक्त तथा जिला उपायुक्त को दोनों पक्षों के साथ बैठक करके नमाज विवाद का समाधान करने के आदेश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नमाज पढ़ने के लिए धार्मिक स्थल बने हुए हैं। धार्मिक स्थल इसलिए ही बनाए जाते हैं कि वहां पर पूजा-अर्चना और इबादत की जा सके। ऐसे में वहां से बाहर निकलकर ऐसा करना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि हिंदू मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करें और मुस्लिम भाई अपने घर में या मस्जिद में ही नमाज पढ़े। खुले में नमाज पढ़ने की प्रथा सही नहीं है। क्योंकि इससे आपसी टकराव बढ़ रहा है और हमारा भाईचारा खराब हो रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ लोगों ने वक्फ बोर्ड की जमीन खाली कराए जाने की बात कही है। अगर किसी ने बोर्ड की जमीन पर किसी भी तरह से कब्जा कर रखा है तो अधिकारी जांच करके कब्जों को हटवाएं।

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गुरुग्राम के सेक्टर-47 में खुले में नमाज पढ़ने को लेकर विवाद पैदा हुआ था। उसके बाद तो सेक्टर-37 में भी खुले में नमाज पढ़ी जाने लगी। हिंदू संगठनों ने इस तरह से नमाज का खुलकर विरोध किया। टकराव की स्थिति भी कई बार बनी, जहां पुलिस ने बीच-बचाव करवाया। हिंदू नेताओं को हिरासत में भी लिया गया। यहां तक कि बीते तीन दिसंबर 2021 को भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच नमाज हुई। हालांकि 10 दिसम्बर 2021 को जुमे की नमाज के दौरान हिंदू-मुस्लिमों ने एकता का भी परिचय दिया। एक होकर दोनों समुदायों के प्रमुख लोगों ने जनरल बिपिन रावत व उनकी पत्नी व अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

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