Nagpur violence: सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट को लेकर महाराष्ट्र में कार्रवाई की गई है। महाराष्ट्र राज्य साइबर विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के कार्यालय ने नागपुर में हाल ही में हुए दंगों के बीच सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट शेयर करने वाले अकाउंट की पहचान की है।
Nagpur violence: साइबर सेल का उद्देश्य सुरक्षित वातावरण देना
दरअसल महाराष्ट्र राज्य साइबर विभाग का उद्देश्य सुरक्षित और कानूनी डिजिटल वातावरण बनाए रखना है। इसके तहत विभाग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, खासकर सोशल मीडिया पर निगरानी रखता है, ताकि सार्वजनिक व्यवस्था, सामाजिक सद्भाव या राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले पोस्ट का पता लगाया जा सके। इस उद्देश्य के लिए, महाराष्ट्र साइबर विभाग ने नागपुर सिटी साइबर पुलिस स्टेशन के साथ मिलकर कई सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की है, जिन्होंने नागपुर में हाल ही में हुए दंगों के बारे में भड़काऊ पोस्ट शेयर किए हैं।
Nagpur violence: भड़काऊ पोस्ट करने वाले पर होगी कार्रवाई
बता दें कि इन सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए एक खास धार्मिक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने, सांप्रदायिक अशांति फैलाने और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को और खराब करने के लिए पोस्ट किए गए थे। इस तरह के पोस्ट सार्वजनिक रूप से लोगों को भड़काते हैं, समुदायों के बीच दरार बढ़ाते हैं और विवाद पैदा करते हैं। इस तरह की गतिविधियां न केवल कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करती हैं बल्कि शांति और स्थिरता के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करती हैं। दंगों में पहले ही सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है और पुलिस अधिकारियों सहित कई लोगों की मौत हो चुकी है।
ये भी पढ़ेंः- Meerut Murder: सौरभ की हत्या करने वाली मुस्कान और उसके बॉयफ्रेंड को वकीलों ने पीटा
140 से अधिक भड़काऊ पोस्ट की हुई पहचान
फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और यूट्यूब पर 140 से अधिक भड़काऊ पोस्ट की पहचान की गई है और उन्हें हटाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 की धारा 79 (3) (बी) के तहत नोटिस जारी किए गए हैं। साथ ही, इन अकाउंट को संचालित करने वाले व्यक्तियों की वास्तविक पहचान उजागर करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 94 के तहत नोटिस जारी किए गए हैं।
बताया गया कि जिन लोगों ने इस तरह की भड़काऊ सामग्री फैलाने की कोशिश की है, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। महाराष्ट्र साइबर विभाग इस मामले में पूरी तरह प्रतिबद्ध है और ऐसे व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने का काम करेगा जो डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करके सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।