प्रदेश मध्य प्रदेश

स्वाधीनता सेनानी प्रेम नारायण नागर की बिगड़ी तबियत, प्रशासन से सुध लेने की दरकार

उज्जैनः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद 1948 में उनका अस्थि कलश उज्जैन लाने वाले प्रदेश के जाने-माने स्वाधीनता सेनानी एवं वरिष्ठ पत्रकार प्रेम नारायण नागर 96 वर्ष अस्वस्थ हैं। उनका उपचार उज्जैन के एक निजी चिकित्सालय में चल रहा है। मध्य प्रदेश शासन से मिलने वाली चिकित्सा सुविधा को लेकर स्वाधीनता सेनानी उत्तराधिकार संगठन के संभागीय संयोजक एवं वरिष्ठ पत्रकार क्रांतिकुमार वैद्य ने इस मामले में प्रशासन की अनदेखी पर मुख्यमंत्री से उचित कदम उठाने की मांग की है।

क्रांतिकुमार वैद्य ने हिस संवाददाता नागदा से बातचीत में बताया कि प्रेमनारायण नागर मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकारों में से एक है। जिनके कई लेख राष्ट्रीय स्तर के समाचारों में प्रकाशित है। मूलत: शिवपुरी के निवासी नागर इन दिनों उज्जैन में अपने प्राध्यापक पुत्र के यहां निवासरत है। एक निजी चिकित्सालय में उनका उपचार गत चार पांच दिनों से जारी है।

वैद्य के मुताबिक प्रेमनारायण नागर ने स्वाधीनता आंदोलन में महात्मागांधी एवं राजेन्द्र प्रसाद के साथ कार्य किया था। इतना ही नहीं वर्ष 1948 में जब गांधीजी की हत्या हुई थी, तब प्रेमनारायण नागर दिल्ली में राजेंद्र प्रसाद के साथ थे। तब वे गांधीजी की अस्थियां लेकर 11 फरवरी 1948 में उज्जैन आए थे। दूसरे दिन उज्जैन में रामघाट क्षिप्रा नदी में बापू की अस्थिया विसर्जित की थी। तब से केवल उज्जैन में प्रतिवर्ष बापू का श्राद्ध दिवस मनाया जाता है। नागर इस कार्यक्रम में कई बार शामिल हुए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि शासन स्तर पर मिलने वाली चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रेमनारायण नागर को मिले।

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जनसंपर्क विभाग का कहना

प्रेमनारायण नागर के उपचार के बारे में अनदेखी के सवाल पर जनसंपर्क विभाग के अधिकारी एचएस शर्मा ने बताया कि संयुक्त संचालक जनसंपर्क रश्मि देशमुख अस्पताल पहुंची थी। प्रशासन को इस बारे में बता दिया गया है।

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