नागालैंड हत्याकांडः अभी भी स्थिति तनावपूर्ण, नागा संगठनों का प्रदर्शन जारी

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कोहिमाः नागा नागरिक समाज संगठनों ने ‘गलत पहचान’ के कारण 4 दिसंबर को सुरक्षा बलों द्वारा 14 युवकों की हत्या और 30 अन्य को घायल किए जाने के खिलाफ गुरुवार को नगालैंड के पांच जिलों में विभिन्न विरोध कार्यक्रम आयोजित किए। गुरुवार को सोम जिले में भी सुबह से शाम तक बंद रहा, जहां सेना का ऑपरेशन हुआ था। बंद के दौरान सभी सरकारी और निजी कार्यालय और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और कोन्याक नगा जनजाति के सदस्यों के रूप में सार्वजनिक परिवहन अपंग हो गया।

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उन्होंने जिले में विरोध रैलियां की। पूर्वी नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ), एक शीर्ष आदिवासी निकाय ने भी तुएनसांग, लोंगलेंग, किफिर और नोकलाक जिलों में प्रदर्शन किए। कोन्याक संघ सहित कई नगा नागरिक समाज संगठनों ने सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम, 1958 (अफस्पा) को निरस्त किए जाने तक सुरक्षा बलों के साथ ‘असहयोग’ की घोषणा की थी। सेना ने दुर्भाग्यपूर्ण घटना और जीवन के दुर्भाग्यपूर्ण नुकसान के लिए गहरा खेद व्यक्त किया था और कहा था कि मामले की ‘उच्चतम स्तर’ पर जांच की जाएगी।

बता दें कि नागालैंड में उग्रवाद शुरू होने के बाद सशस्त्र बलों को गिरफ्तारी और हिरासत में लेने की शक्तियां देने के लिए आफस्पा को 1958 में लागू किया गया था। आलोचकों का कहना रहा है कि सशस्त्र बलों को पूरी छूट होने के बावजूद यह विवादास्पद कानून उग्रवाद पर काबू पाने में नाकाम रहा है, कभी-कभी यह मानवाधिकारों के हनन का कारण भी बना है।

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