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मुल्क पर राज करने की सोच से जनसंख्या बढ़ा रहे हैं मुसलमान: जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी

गुरुग्राम: धर्म परिवर्तन करके जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बने उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी मंगलवार को गुरुग्राम पहुंचे। उनके यहां पहुंचने पर भारी संख्या में पुलिस बल भी पत्रकार वार्ता स्थल पर तैनात किया। इस दौरान उन्होंने खुले में नमाज समेत कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि धर्म हमेशा व्यक्ति को मानवता की सीख देता है। हमें मानवता के पथ पर सदैव चलना है।

भारत बचाओ संगठन की ओर से पत्रकार वार्ता में जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने कहा कि जब उन्होंने बाबरी मस्जिद-राम मंदिर के विवाद में पहली बार यह कहा कि यह हिंदूओं की जगह है और हिंदूओं को दी जाए। उसी समय उन्हें न केवल अपने पद से हटा दिया गया, बल्कि उनके खिलाफ फतवे जारी किये जाने लगे थे। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद इस्लाम धर्म पर एक किताब लिखी। जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस विषय में बहस करने के लिए बुलाया भी, लेकिन उन्होंने बजाय बहस करने के उनकी मौत का फरमान जारी कर दिया।

जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने कहा कि उनके द्वारा लिखी गई किताब को लेकर ना केवल बार-बार कुरान का अध्ययन किया, बल्कि अन्य किताबों का अध्ययन करने के बाद ही उन्होंने कहा कि कुरान के अंदर कुछ आयतों को हटा दिया जाए। उनसे समाज में गलत संदेश जाता है। उनकी बात मानना तो दूर बिना सुने उन्होंने मुझे जान से मारने की धमकी देते हुए फतवा जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग अनेक शादियां करके अधिक बच्चे पैदा करते हुए अपनी जनसंख्या को यह सोचकर बढ़ावा दे रहे हैं कि एक दिन हम फिर से पूरे मुल्क पर राज करेंगे। जबकि किसी भी धर्म का कोई व्यक्ति हो उसे अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य व तरक्की के लिए यह सोचना चाहिए कि उनका बच्चा किस कदर तरक्की कर पाएगा। जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि इस्लाम कोई धर्म नहीं है। 1400 साल पहले मोहम्मद द्वारा एक जमात तैयार की गई थी, जिसे इस्लाम धर्म का नाम दिया गया था।

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गुरुग्राम में नमाज पर बोले, यह बाबर की नहीं

गुरुग्राम में खुले में नमाज पर सवाल के जवाब में जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने कहा कि यह हिंदुस्तान की धरती है, बाबर की नहीं। यदि किसी को नमाज पढ़नी है तो अपने घरों, वक्फ बोर्ड की जमीन और मस्जिदों में नमाज अता करें। गैर मुस्लिम इलाके, सरकारी जमीन व सार्वजनिक पार्कों में नमाज नहीं पढ़ी जा सकती। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि खुले में नमाज अता करके यह लोग क्या दिखाना चाहते हैं। जितेंद्र नारायण त्यागी नाम से सनातन धर्म में शामिल हुए वसीम रिजवी का यति महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि महाराज, विक्रम यादव, सांस्कृतिक गौरव संस्थान के दिनेश चंद गुप्ता आदि ने अंगवस्त्र व माला डालकर स्वागत किया।

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