लखनऊः समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर गुरुवार को उम्मीदवार की घोषणा कर दी। सपा ने इस सीट पर मुलायम सिंह यादव की बहू व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी पूर्व सांसद डिम्पल यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पत्र जारी कर सपा के गढ़ मैनपुरी लोकसभा सीट पर उम्मीदवार घोषित कर कई दिनों से चली आ रही अटकलों को विराम लगा दिया।
समाजवादी पार्टी द्वारा लोकसभा क्षेत्र मैनपुरी उपचुनाव – 2022 हेतु श्रीमती डिंपल यादव पूर्व सांसद को प्रत्याशी घोषित किया गया है। pic.twitter.com/gZIvtETfLT
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) November 10, 2022
कई दिनों से इस सीट पर उम्मीदवार को लेकर कभी शिवपाल यादव, तेज प्रताप यादव के इर्द-गिर्द घूम रही राजनीतिक चर्चाओं पर आखिरकार डिम्पल यादव का नाम सामने आने के बाद विराम लग गया। यहां से अब नेताजी मुलायम सिंह यादव की बहू और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल को उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया गया है। उनका नाम सामने आते ही साफ हो गया कि नेताजी की राजनीतिक विरासत को अब बहू डिम्पल यादव आगे बढ़ाएंगी।
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खास बात यह है कि जिस सीट पर डिम्पल यादव का नाम घोषित किया गया है, उस सीट के अंतर्गत करहल विधानसभा सीट आती है। करहल से ही वर्तमान में अखिलेश यादव विधायक हैं। मैनपुरी सीट पर डिम्पल यादव का नाम घोषित होते ही पार्टी कार्यकर्ता पांच दिसम्बर को होने वाले मतदान के साथ उससे पहले नामांकन की तैयारियों में जुट गए हैं। उल्लेखनीय है कि मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट रिक्त हुई है।
डिम्पल यादव का सियासी सफर
डिंपल इससे पहले कन्नौज से सांसद रह चुकी हैं। फिरोजाबाद से भी चुनाव लड़ी थी, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। डिंपल यादव के चुनाव का संचालन खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव करेंगे। सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का सियासी सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। डिंपल अपना पहला चुनाव हार गई थीं, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपना आत्मविश्वास बनाए रखा। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की दो सीटों फिरोजाबाद और कन्नौज से चुनाव लड़ा। बाद में अखिलेश ने फिरोजबाद सीट छोड़ दी थी। उपचुनाव में डिंपल को वहां से उम्मीदवार बनाया। लेकिन डिंपल कांग्रेसी नेता राज बब्बर से चुनाव हार गईं। अखिलेश यादव के कन्नौज लोकसभा सीट छोड़ने के बाद वहां 2012 में उपचुनाव हुआ। सपा ने इस बार भी डिंपल यादव पर भरोसा जताया। इस चुनाव में बसपा, कांग्रेस, भाजपा ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा जबकि, दो लोगों के नामांकन वापस लेने के बाद डिंपल निर्विरोध चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। वहीं 2014 लोकसभा चुनाव में भी वह कन्नौज सीट बचा ले गईं थी। हालांकि 2019 के चुनाव में वह जीत नहीं सकी।
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